उरई (जालौन)। नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म के दोषी को विशेष न्यायाधीश डॉ. अवनीश कुमार ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही 70 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया। अर्थदंड न देने पर तीन साल का अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा।
शासकीय अधिवक्ता बृजराज सिंह राजपूत ने बताया कि एट थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी पिता ने 17 अप्रैल 2018 को पुलिस को तहरीर दी थी। उसमें बताया था पत्नी के साथ मजदूरी करने गया था। तभी बेटी घर से तीन हजार रुपये लेकर बिना बताए कहीं चली गई है। पिता की तहरीर पर पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ बहला फुसला कर ले जाने की रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी। पुलिस ने लोकेशन के आधार पर दिल्ली पहुंचकर राठ थाना क्षेत्र के ग्राम सैना गांव निवासी वीरपाल के कमरे से छात्रा को बरामद कर वीरपाल को जेल भेज दिया। वही किशोरी का मेडिकल परीक्षण कराकर कोर्ट में बयान कराए गए।
किशोरी ने बताया अपने गांव से खेत पर जा रही थी। तभी राजेश व पिंकी बाइक से उसे अपने साथ ले गए और प्रसाद के नाम पर नशीला पदार्थ खिला दिया। जिससे वह बेहोश हो गई। इसके बाद इन लोगों ने दिल्ली जाकर वीरपाल निवासी सेसा हमीरपुर को बेच दिया। दिल्ली में वीरपाल ने उससे जबरन शादी की और उसके साथ दुष्कर्म किया। पुलिस ने वीरपाल के खिलाफ न्यायालय में दो जनवरी 2019 को आरोप पत्र दाखिल कर दिया। पांच साल चली सुनवाई के बाद मंगलवार को पॉक्सो कोर्ट में सुनवाई हुई।
दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की जिरह और गवाहों के बयान सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश डॉ. अवनीश कुमार ने वीरपाल को नाबालिग छात्रा को 50 हजार रुपये में खरीदकर जबरन शादी कर दुष्कर्म करने के मामले दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। घटना के समय दोनों नाबालिग थे।