संवाद न्यूज एजेंसी
उरई। पति पत्नी के बीच हो रहे लड़ाई झगड़े या एक दूसरे से दूरी बनाने से महिलाएं अवसाद का शिकार हो रही है। पति का काम, नौकरी के लिए बाहर जाना या फिर शादी के कुछ साल ज्यादा बिजी हो जाने से इस तरह की मामले आ रहे है। जिला अस्पताल में बने वन स्टाप सेंटर में रोज नए मामले पहुंच रहे हैं। जिनकी कांउसलिंग कर परिवारों को बिखरने से बचाया जा रहा है।
यहां पर प्रतिदिन एक से दो मामले आ रहे है। जिसमें सिरदर्द, अनिद्रा, पति के प्यार से बात न करने की बात, पति के बाहर रहने पर बच्चों या सुसराल वालों का सहयोग न मिलना से इस तरह के मामले सामने आ रहे है। काउंसलिंग के समय पता चला है कि पति से महिलाओं के रिश्ते सही नहीं है। घर में या पति से लड़ाई-झगड़ा चल रहा है। वन स्टॉप सेंटर में सुबह से शाम एक पांच से छह मामले पहुंचते है। जिसमें एक से दो मामले पति से दूरी,पति का सही तरह व्यवहार न करने और रोजाना घरवालों से लड़ाई-झगड़े करने के आते है। बातचीत के समय पता चलता कि दो-तीन बच्चे होने के बाद भी पति सालों के लिए बाहर काम पर चले गए है। शादी के एक साल बाद ही पति नौकरी के लिए चले गए। जिससे महिलाओं को प्यार, अपनी समस्या न बता पाने के कारण रोज लड़ाई-झगड़े होने लगे थे। रिचा द्विवेदी ने बताया इस तरह के मामले में महिलाएं अपने आप को अकेला समझने लगती हैं। इससे ससुराल वालों से दूरी बनाने लगती हैं।
केस-1
उरई की रहने वाली महिला ने बताया कि सात साल पहले शादी हुई थी। पति दूसरे राज्य मेंं काम करने चले गए है। दिन भर बच्चों को संभालों, उसके बाद शाम को घरवालों की बातें सुनो। पति से कहते थे उन्होंने कोई ध्यान नहीं दिया है। रोज घरवालों लड़ाई होने लगी थी। रात को नींद नहीं आती थी।
केस-2
उरई में रहने वाली महिला ने बताया कि तीन महीने पहले ही शादी हुई थी। पति की नौकरी लग गई। जो नौकरी के लिए बाहर चले गए। ससुराल वाले रोज-रोज बहस करने लगे काम में कमी निकालने लगे। पति से कहते थे। उन्होंने भी कुछ नहीं कहा। रोज-रोज की लड़ाई से रात को नींद नही आती थी। बीमार रहने लगे थे।
एक दूसरे को समझने से दूर होती दूरियां
वन स्टॉप सेंटर प्रभारी रिचा द्विवेदी ने बताया कि महिलाएं ज्यादा संवेदनशील होती है। उन्हें शादी के बाद पति ही आखिरी उम्मीद लगती है और पति काम से दूरी चले जाते है। उसके बाद महिलाएं अवसाद का शिकार हो जाती है। महिलाओं को भी समझना होगा। परिवार को संभालना उनका काम है। इस तरह से परिवार को नहीं बिखेर सकती है।