कोंच। रामलीला में गुरुवार की रात ताड़का वध का मंचन किया गया। इसमें दिखाया कि आश्रम में बार-बार राक्षसों के यज्ञ में बाधा डालने से आहत महर्षि विश्वामित्र यज्ञ की रक्षा के लिए अयोध्या नरेश दशरथ से उनके पुत्रों राम और लक्ष्मण को मांग लाए। ताड़क वन से गुजरते समय विश्वामित्र ने ताड़का के अत्याचारों से राम को अवगत कराकर राक्षसी का वध करने का आदेश दिया।

राम ने स्त्री का वध क्षत्रिय धर्म के विपरीत बताया, लेकिन गुरु ने उन्हें समझाया कि राक्षसी प्रवृत्तियां पुरुष या स्त्री नहीं बल्कि राक्षसी ही होती हैं और इनके वध में कोई पाप नहीं लगता है। तब गुरु के आदेश का पालन करते हुए राम ने ताड़का का संहार किया। विश्वामित्र की भूमिका गोविंद शरण मिश्रा, वशिष्ठ केशव बबेले, दशरथ नीरज दुबे, सुमंत प्रमोद विदुआ, चारण नीरज अग्रवाल, ताड़का सोनू नगाइच, मारीच दीपू सोनी, सुबाहु देवेश सोनी, विकटानन राकेश गिरवासिया, विशंभर झा, डुगडुगी वाला राक्षस की भूमिका नीरज अग्रवाल ने निभाई।



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