उरई। शहर में प्रशासनिक और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने संयुक्त रूप से शनिवार को अभियान चलाया। पांच अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर छापे के दौरान अल्ट्रासाउंड की दूसरी स्लाइड किसी भी केंद्र पर नहीं मिली। इस पर टीम ने नाराजगी जताते हुए दूसरी स्लाइड अपने पास सुरक्षित रखने के निर्देश दिए। इससे अल्ट्रसाउंड केंद्रों पर अफरा-तफरी रही।

एसडीएम और ज्वाइंट मजिस्ट्रेट अभिषेक कुमार, एसीएमओ डॉ. एसडी चौधरी और स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी अरविंद सिंह के नेतृत्व वाली टीम ने शनिवार को पहले दिन पांच अल्ट्रासाउंड केंद्रों की जांच की। राजाराम कलावती अस्पताल, चंद्रा नर्सिंग होम, शंकर अल्ट्रासाउंड केंद्र, फोकस अल्ट्रासाउंड, कान्हा अल्ट्रासाउंड पर छापा मारकर जांच की। इस दौरान कोई भी रेडियोलॉजिस्ट ड्रेस में नहीं मिला। यही नहीं कई जगह मरीजों के बारे में विधिवत ब्योरा नहीं मिला।

एक अल्ट्रासाउंड केंद्र में तो गणेश और लक्ष्मी के चित्र लगे थे। वहीं पर चिकित्सक अपना आफिस भी बनाए थे। इस पर टीम ने नाराजगी जताई। कहा कि इस तरह के चित्र से लिंग परीक्षण की आशंका है, इसे तत्काल हटाए। कई जगह अल्ट्रासाउंड फार्म भरने में भी लापरवाही बरती जा रही है। पीसीपीएनडीटी एक्ट के बारे में भी कई चिकित्सक जानकारी नहीं दे पाए।

एसीएमओ ने बताया कि शहर में 11 अल्ट्रासाउंड केंद्र संचालित हो रहे हैं। पहले दिन पांच केंद्रों की जांच की गई है। वहां मिली कमियों को दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए हैं। जल्द ही बाकी बचे अल्ट्रासाउंड केंद्रों में भी जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी अल्ट्रासाउंड संचालकों को मानक के अनुसार केंद्र संचालन करने के निर्देश दिए गए हैं। लिंग परीक्षण की शिकायत मिलने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।



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