कोंच। ग्राम क्योलारी में पागल कुत्ते के काटने से ढाई वर्षीय बच्ची की मौत और बच्ची द्वारा करीब आधा सैकड़ा लोगों को काटे जाने के बाद से पूरे गांव में अनजाना सा खौफ पसरा है। इससे पहले भी इस गांव में लगभग तीन साल पहले दो लोगों की पागल कुत्ते के काटने से मौत हो चुकी है। ग्रामीणों ने बताया कि तीन साल पहले गांव के उमेश पटेल की पुत्री आकांक्षा (5) व 60 वर्षीय बुजुर्ग शोभा कुशवाहा ने पागल कुत्ते के काटने से अपनी जान गंवाई थी। तब भी गांव में लोग इसी तरह दहशत में आ गए थे।

22 जुलाई को ढाई वर्षीय बच्ची काव्या की मौत को प्रशासन ने भी गंभीरता से संज्ञान में लिया है। एसडीएम अतुल कुमार ने सीएचसी नदीगांव को निर्देश दिए हैं कि क्योलारी और हिड़ोखरा गांवों में जाकर स्थिति का जायजा लें और जिन लोगों को बच्ची या पागल कुत्ते ने काटा है, उन पर नजर रखें, आवश्यकता के अनुरूप उन्हें उपचार मुहैया कराएं। इसके अलावा लेखपाल को भी लगाया गया है और पुलिस के अधिकारी भी फोन पर जानकारी ले रहे हैं।

बता दें कि ब्लॉक नदीगांव अंतर्गत ग्राम क्योलारी के रहने वाले गोलू कुशवाहा की ढाई साल की बेटी काव्या पांच-छह दिन पहले अपने मामा के यहां गांव हिड़ोखरा गई थी। वहां उसे एक पागल कुत्ते ने तब काट लिया था जब वह घर के बाहर खेल रही थी। बच्ची में कुत्ते जैसे लक्षण उभरने लगे थे। छोटी बच्ची होने के नाते लोग उसे दुलारने का प्रयास करते और इसी बीच वह उन लोगों को काट लेती। उसने गांव में लगभग आधा सैकड़ा लोगों को काटा। बच्ची के परिजन इलाज के लिए उसे झांसी ले गए थे जहां 22 जुलाई को बच्ची की मौत हो गई थी।

क्योलारी और हिड़ोखरा गांव पहुंचीं स्वास्थ्य विभाग की टीमें

कोंच। पागल कुत्ते के काटने से ढाई साल की बच्ची की मौत और बच्ची द्वारा आधा सैकड़ा लोगों को काटने की खबर प्रकाशित होने के बाद हर विभाग की नजर गांव पर गई है। मंगलवार को नदीगांव सीएचसी से प्रभारी डॉ. विनोद कुमार वर्मा, आरबीएसके व एमसीडी विभाग की टीमें गांव क्योलारी पहुंची और ग्रामीणों से बातचीत कर उनका हालचाल जाना। टीमें मृतक बच्ची के मामा के गांव हिड़ोखरा भी पहुंचीं और स्थिति का जायजा लिया। (संवाद)

बच्ची को खिलाने वालों ने लगवाए एंटी रैबीज के इंजेक्शन

कोंच। बच्ची काव्या की मौत के बाद गांव के लोग डरे हुए हैं। गांव में तरह तरह की चर्चाएं हो रही हैं। बच्ची द्वारा जिन जिन लोगों को नोंचा या काटा गया है उन सभी ने रैबीज के इंजेक्शन लगवा लिए हैं। (संवाद)

कुत्ते जैसे लक्षण होने पर होती है हाइड्रोफोबिया बीमारी

प्रभारी सीएमओ डॉ. एसडी चौधरी ने बताया कि नदीगांव सीएचसी के प्रभारी और पशु चिकित्सक से बात कर उन्हें तत्काल गांव जाकर पूरी स्थिति की रिपोर्ट देने को कहा है। साथ ही पशु चिकित्सक से मवेशियों को टीकाकरण कराने की सलाह दी है। उन्होंने बताया कि कुत्ते के काटने के बाद किसी में कुत्ते जैसे लक्षण उभरते है, तो उसे हाइड्रोफोबिया कहते हैं। किसी को कुत्ता काट ले तो तत्काल एंटी रैबीज के इंजेक्शन लगवा लें। रैबीज कुत्ता, बंदर, बिल्ली या जंगली जानवरों काटने से होती है। मनुष्यों के काटने से नहीं होती है।



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