कालपी। जोल्हूपुर रेलवे क्रासिंग पर ओवर ब्रिज निर्माण की धीमी गति के चलते आसपास गांवों के लोगों में आक्रोश पनप रहा है। जोल्हूपुर क्रासिंग से भारी वाहनों के आवागमन पर रोक होने से ये वाहन ग्रामीण क्षेत्र की सड़कों से गुजर रहे हैं, जिसकी वजह से लोगों को काफी परेशानी हो रही है। सेतु निगम और प्रशासन की ओर से अभी दो महीने और यातायात बंद रहने की संभावना जताई जा रही है। हालांकि जिस तरह से काम चल रहा है उससे अगले दो महीने में यातायात सुचारू होना मुश्किल लग रहा है।

उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम तथा रेल विकास निगम लिमिटेड की ओर से जोल्हूपुर मोड़ से हमीरपुर जाने वाले मार्ग पर जाम की समस्या को देखते हुए ओवरब्रिज का निर्माण किया जा रहा है। निर्माण पिछले चार साल से सुस्त गति से हो रहा है। काम में तेजी लाने के लिए डेढ़ महीने पहले इस क्रासिंग पर वाहनों का आवागमन रोक दिया गया था। छोटे वाहन पास में ही बने अंडरब्रिज से और भारी वाहन आटा-इटौरा मार्ग से गुजारे जा रहे हैं। यातायात बंद हुए डेढ़ महीने बीत जाने के बाद भी काम बहुत धीमी गति से हो रहा है। अभी तक पिलर को खड़ा करने के लिए सिर्फ नीचे का नक्शा तैयार किया गया है। मामले में उप जिला अधिकारी अभिषेक कुमार ने बताया कि कार्यदायी संस्था के उच्च अधिकारी और इंजीनियर लगातार स्थलीय निरीक्षण कर रहे हैं। एसडीएम ने कहा कि दो महीने में काम पूरा होने की उम्मीद है। इसके बाद जल्द ही यातायात शुरू करा दिया जाएगा।

एसडीएम अभिषेक कुमार ने बुधवार को ओवरलोडिंग एवं रॉयल्टी न होने पर 30 वाहनों का चालान किया है। कदौरा क्षेत्र के बेरी रोड पर चलाए गए चेकिंग अभियान को देखकर कई वाहन चालक रोड पर बालू डालकर वापस लौट गए। कई ट्रक चालकों ने सूचना मिलते ही दूर क्षेत्र में ट्रक खड़े कर दिए। एसडीएम ने कहा कि ओवरलोड वाहनों से सड़कें भी क्षतिग्रस्त हो रही हैं साथ ही दुर्घटनाओं की भी आशंका रहती है।

आटा में इटौरा मार्ग से हर रोज सैकड़ों ट्रक निकलते हैं। इस साल अभी तक लगभग 200 ट्रकों पर कार्रवाई की जा चुकी है। एसडीएम लगातार इन वाहनों पर कार्रवाई कर रहे हैं, उसके बाद भी इन पर लगाम नहीं लग रही है। कार्रवाई में खनन विभाग तो प्रशासन का साथ दे रहा है लेकिन परिवहन विभाग के अधिकारी नदारद रहते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि ओवरलोड वाहनों के गुजरने से धूल उड़ती है साथ ही हादसे का भी डर रहता है।



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