संवाद न्यूज एजेंसी, जालौन

Updated Mon, 07 Aug 2023 12:58 AM IST

उरई। पढ़ाई की ललक और परिवार की जिम्मेदारी की असली परख कैटिका को है। जो अपने पढ़ाई की उम्र में अपने परिवार की जिम्मेदारी खुद उठा रही हैं। किसी के आगे हाथ फैलाने की बजाय कैटिका ने संघर्ष करने का रास्ता चुना है। वह कालपी के पेट्रोल पंप में काम कर पढ़ाई व परिवार का खर्च चला रही है।

कालपी के मोहल्ला रामगंज निवासी कैटिका (24) पिछले छह माह से पेट्रोल पंप पर पेट्रोल भरने का काम कर रही हैं। घर की हालत अच्छी नहीं होने के चलते पढ़ाई भी करनी थी। भाई व पिता की तबीयत भी ठीक नहीं रहती थी। इससे घर का खर्चा चलाना मुश्किल हो रहा था। उसके अलावा ऐसा परिवार का कोई सदस्य नहीं था कि जो परिवार के पालन पोषण की जिम्मेदारी उठा सकें। रिश्तेदारों ने भी हाथ खींच लिए। तब उसने खुद काम करने की ठानी।

कैटिका ने बताया कि बीए का अंतिम वर्ष था, वह पढ़ाई छोड़ना नहीं चाहती थी। आईटीआई भी करना था। लेकिन घरवालों के पास पैसे नहीं थे कि उसे पढ़ा सकें। फिर उसने कई जगह जॉब के लिए कोशिश की पर कहीं बात नहीं बनी। फिर उसने पेट्रोल पंप पर बात की तो बात बन गई। आज छह माह से ज्यादा हो गए। यहां काम करते हुए। यहीं से पढ़ाई का खर्चा और घर का खर्च चल रहा है। उन्होंने बताया कि उनके दो भाई दो बहनें है। बड़ी बहन की दो साल पहले शादी हो चुकी है। पहले पिता ईसराइल एक ट्रांसपोर्ट कंपनी में काम करते थे। दो साल पहले उन्हें फेफड़े संबंधी बीमारी हो गई और बड़ा भाई पहले से ही बीमार चल रहा था। दो-दो लोगों की बीमारी ने घर की आर्थिक हालत खस्ता कर दी। भाई का दिल्ली के अस्पताल में इलाज चल रहा है। जिससे हर महीने चार-पांच हजार रुपये दवा में खर्च हो जाते हैं। ऐसे में लगातार बिगड़ रही घर की हालत को देखकर उसने काम करने की ठानी। कैटिका पेट्रोल पंप और छोटा भाई एक ट्रांसपोर्ट कंपनी में काम कर रहा है। दोनों मिलकर छह सदस्यीय परिवार का किसी तरह घर का खर्च चला रहे हैं। कैटिका बताती है कि उसका सपना डॉक्टर बनने का था पर पारिवारिक मजबूरियों के कारण वह पेट्रोल पंप पर काम कर घर का खर्चा चला रही है।



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