सोमवार विशेष
फोटो-9-मौसम्मी की खेती दिखाता किसान सीताराम।
संवाद न्यूज एजेंसी
आटा। किसी भी क्षेत्र में सृजनात्मक पहल आपकी जिंदगी बदल सकता है। यह बात परासन के मजरा अलमोरी डेरा के किसान सीताराम पर सटीक बैठती है। सीताराम ने परंपरागत खेती से हटकर फलों की खेती करनी शुरू की। उनका यह प्रयास रंग लाया। इसने जिंदगी में खुशियों के रंग भर दिए।
सीतराम ने अपनी बंजर पड़ी एक एकड़ जमीन को तीन साल पहले उपजाऊ बनाकर उसमें परंपरागत खेती न कर फलों की खेती की। दिन-रात मेहनत से मीठे फल उगाए हैं। सीताराम ने फलों की खेती से सालाना हजारों रुपये कमाकर दूसरे किसानों को भी राह दिखा रहे हैं।
सीताराम केवट ने बताया कि उनको जब परंपरागत खेती से लगातार नुकसान हो रहा था, तब उन्होंने अपनी बंजर पड़ी एक एकड़ जमीन पर दिन-रात मेहनत की। बंजर जमीन में बड़े-बड़े बबूल के पेड़ उगे थे। उन्होंने उन पेड़ों को खुद काटकर करीब दो लाख रुपये खर्च कर जमीन पर ट्रैक्टर व जेसीबी चलवाई। जिससे जमीन समतल हो गई।
फिर गोबर खाद डालकर उसकी कई बार जुताई कर जमीन को उपजाऊ बनाया। वह झांसी के बरुआ सागर जाकर तरह तरह के करीब तीन सौ से अधिक फलों की पौध खरीद लाए। उन्होंने उन फलों की पौधों की रोपाई कर एक बाग बनाकर तैयार किया। उसमें फलों की पैदावार कर बागवानी कर रहे हैं।
किसान की तीन साल की मेहनत रंग लाई और आज उनके बाग में फलों की अच्छी पैदावार हो रही हैं। उन्होंने बताया कि इसी साल पौधों से फलों की पैदावार होनी शुरू हुई हैं। वह हर माह हजारों रुपये के फलों को बेच कर दूसरे किसानों को राह दिखाई हैं।
सीताराम ने बताया कि 2019 में जब उनके मन में बंजर जमीन को उपजाऊ बनाने की ठानी तब जमीन के पास पानी का कोई साधन नही था। उन्होंने एक किलोमीटर दूर जाकर पानी ढोकर लाए फिर उन्होंने अपनी पौधों की सिंचाई की। अब उनके खेती से अच्छी पैदावार होनी शुरू हुई। अब वह नया ट्यूबवेल लगवाने जा रहे हैं।
कम लागत मुनाफा ज्यादा
सीताराम केवट ने बताया कि फलों की खेती में परंपरागत खेती से कम लागत आती हैं और मुनाफा ज्यादा होता है। जब उन्होंने अपनी बंजर जमीन को में पौधों की रोपाई की। तब उन्होंने एक एकड़ जमीन में करीब तीस हजार रुपये की लागत से बरुआ सागर से पौध खरीदकर लाए अब वह सालाना हजारों रुपये के फल बेच कर आमदनी कर रहे हैं।
इन फलों की हो रही पैदावार
संतरा, बादाम, मौसम्मी, सीताफल, काजू, अनार, चीकू, अंजीर, आम, आंवला, कटहल, नींबू,अमरूद आदि फलों की पैदावार हो रही हैं।