कालपी। नगर में बंदरों का आतंक बढ़ता जा रहा है। राह चलते लोगों को बंदर झपटा मार कर उन्हें घायल कर रहे हैं। लोगों ने इसकी शिकायत भी पालिका से की थी। उसके बाद भी कोई समाधान नहीं हो सका। 12 दिन में बंदर 110 लोगों को काट कर जख्मी कर चुके हैं।
नगर के अलग-अलग मोहल्लों में कुत्ते और बंदरों से घायल मरीजों की संख्या दिन पर दिन बढ़ रही है। जिसमें जुलाई माह में अकेले लगभग 110 मरीज रैबीज के इंजेक्शन अभी तक लगवा चुके हैं। वैसे तो कालपी नगर में बंदरों का आतंक कई वर्ष पहले का बना हुआ है। इनके आतंक से निजात पाने के लिए जनता ने कई बार पालिका व वन विभाग से इनको पकड़ने की मांग की है। खानापूरी के लिए दोनों विभाग ने पर्याप्त साधन एवं ट्रेनिंग न होने की बात कही। पालिका ने निजी संस्था से भी बंदर पकड़ने की बात कहीं थी। फिर से बजट का रोना रोया।
मोहल्ला
आलमपुर निवासी बबलू गुप्ता, कौशल, लोकेंद्र सिंह आदि बताया कि बंदरों की वजह से हम लोग अपने छत पर न तो कोई कपड़े डाल पाते हैं, और न ही बैठ पाते हैं। अगर नीचे घर का दरवाजा खुला हो तो यह अंदर तक घुस कर खाने के चीजों को उठाकर ले जाते हैं। इस हफ्ते में मोहल्ला हरीगंज के समद, रामकली, रामदुलारी, मणिगंज खुशबू, तरीबुलदा की प्रीति टंरनन गंज आयुष सहित कई लोगों को घायल किया है। सीएचसी के चिकित्सक डॉ. विशाल सचान ने बताया कि कुत्ता और बंदर काटने की घटना नगर में बढ़ती जा रही है। एक जुलाई से अभी तक 110 लोगों को एंटी रैबीज के इंजेक्शन लगाए जा चुके है। जिले से सबसे ज्यादा कालपी नगर में इंजेक्शनों की खपत हो रही है।
लोगों की बात
बंदरों का आंतक बढ़ता जा रहा है। पिछले हफ्ते छत पर बैठे था। तभी बंदर ने झपटा मार दिया। जिससे घायल हो गए। स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर एंटी रैबीज का इंजेक्शन लगवाया। – राम बिहारी निषाद क्षेत्रीय निवासी
मेरी किराने की दुकान है। रोज बंदर अंदर तक आकर नुकसान कर देते है। एक मिनट दुकान छोड़कर नहीं जा पाते है। बंदरों के आतंक से हम सभी दुकानदार परेशान हैं। पालिका में शिकायत भी की उसके बाद भी ध्यान नहीं दिया गया।
-नीतू गुप्ता, किराना व्यापारी