उरई। बकरियां चराने गए बच्चे के साथ कुकर्म कर हत्या कर सबूत मिटाने का दोष सिद्ध होने पर स्पेशल न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट मोहम्मद आजाद ने दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। दोषी पर 55 हजार रुपये का अर्थदंड भी ठोका है।
शासकीय अधिवक्ता विश्वजीत सिंह गुर्जर ने बताया कि कैलिया थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी पिता ने सात अक्तूबर 2017 को पुलिस को तहरीर देते हुए बताया था कि 6 अक्तूबर 2017 को उसका दस वर्षीय पुत्र बकरियां चराने के लिए खेत में गया था। जहां पर गांव के ही बनमाली बरार (55) ने उसके साथ कुकर्म किया था। राज खुलने के डर से उसकी गला दबाकर हत्या कर दी थी और शव नाले में फेंक दिया था।
पुलिस ने अभियुक्त के खिलाफ हत्या सहित अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर 11 अक्तूबर 2017 को बनमाली को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इस मामले की विवेचना कर रहे तत्कालीन उप निरीक्षक प्रभुनाथ ने बनमाली के खिलाफ चार जनवरी 2018 को न्यायालय में आरोपपत्र दाखिल कर दिया था। पांच साल तक चली सुनवाई के बाद पॉस्को एक्ट कोर्ट के विशेष न्यायाधीश मोहम्मद आजाद ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की जिरह और गवाहों के बयान सुनने के बाद बनमाली को कुकर्म कर हत्या करने और सबूत मिटाने के मामले में दोषी पाते हुए शेष प्राकृतिक जीवन तक कारावास की सजा सुनाई। साथ ही 55 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है।