उरई। चिलचिलाती धूप और गर्मी ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। सुबह से ही तेज गर्मी से लोग बेहाल हैं। सुबह दस बजे से गर्मी का कहर शुरू हो जाता है। दोपहर एक से दो बजे के बीच गर्मी शबाब पर पहुंच जाती है। तेज धूप के कारण सूरज के तेवर तीखे रहे और पारा 43 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। इसके चलते गर्मी से बचाव के उपाय भी नाकाफी साबित हो रहे हैं। गर्मी के कारण अस्पताल में भी उल्टी दस्त के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। 24 घंटे में 37 लोग उल्टी-दस्त का इलाज कराने के लिए जिला अस्पताल पहुंचे।

करीब एक हफ्ते से गर्मी चरम पर है। सोमवार को भी तापमान 43 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि न्यूनतम पारा 33 डिग्री रहा। अधिकतम और न्यूनतम पारे में सिर्फ दस डिग्री सेल्सियस का अंतर। सोमवार को सूरज निकलने के साथ ही गर्मी भी बढ़ती चली गई। सुबह 11 बजे से ही सड़कों पर सन्नाटा छा गया। दोपहर एक बजे तापमान 43 डिग्री पर पहुंच गया। जिससे दोपहर में लाॅकडाउन जैसे सन्नाटे की स्थिति हो गई।

देह झुलसाने वाली धूप और गर्म हवा के थपेड़ों के कारण लोगों का घर से निकलना भी दुश्वार रहा। जो लोग मजबूरी में जरूरी काम होने पर निकले भी, तो वह धूप और गर्मी से बचाव का उपाय करते हुए निकले। महिलाएं और बच्चे चेहरे पर कपड़े लपेटकर निकले। पुरुष भी गमछा, टोपी आदि का सहारा लेकर धूप से बचाव का इंतजाम करते दिखे।

मौसम विशेषज्ञ नितेंद्र कुमार का कहना है कि फिलहाल इसी तरह गर्मी पड़ेगी। दिन और रात के तापमान में ज्यादा अंतर नहीं रहेगा। उधर बिजली की कटौती से भी लोगों की हालत खराब रही। जिला अस्पताल के डाक्टर तारा शहजानंद का कहना है कि गर्मी से बचाव करें। जरूरी न होने पर घर से न निकलें। शरीर में पानी की मात्रा कम न होने दे। घर से निकलने पर फुल आस्तीन के कपड़े पहनकर निकले। उल्टी, दस्त होने पर ओआरएस लें और दिक्कत होने पर जिला अस्पताल में आकर इलाज कराए।



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