बाढ़ से बचाव के लिए प्रशासन ने की तैयारी, 27 बाढ़ चौकियां बनाई गई

– बाढ़ से 158 गांव होते है प्रभावित , कंट्रोल रूम भी बनाया गया

संवाद न्यूज एजेंसी

उरई। जिले में भारी वर्षा और नदियों के बढ़ते जल स्तर से हर वर्ष बाढ़ आती है। जिसको लेकर हर साल प्रशासन सर्तक रहता है। बाढ़ से बचाव की तैयारियां करता है। इस साल भी प्रशासन ने तैयारियां पूरी कर ली है। मुख्यालय पर कंट्रोलरूम की स्थापना भी करवा दी।

बाढ़ से 158 गांव प्रभावित होते है। जालौन तहसील के 21 गांव,उरई तहसील के 31 गांव,कालपी तहसील के 35 गांव,कोंच तहसील के 33 गांव,माधौगढ़ तहसील 38 गांव प्रभावित होते है। इन गांव के लिए 27 बाढ़ चौकियां बनाई गई है। जालौन,उरई तहसील में चार-चार कालपी,माधौगढ़ में सात-सात कोंच में पांच बाढ़ चौकियों की स्थापना की गई। इन सब क साथ प्रशासन ने बाढ़ से बचने के उपाय और बचाने के उपकरण भी तैयार कर लिए है। जिसमें सड़कों,पुलियों एवं पुलों की मरम्मत तथा कटान रोकने के लिए बालू के बोरियों,नाव,मोटर बोट,गोताखोर की व्यवस्था कर ली गई है। इसके साथ ही बाढ़ पीड़ितों के लिए खाद्यान्न, पेय जल, दवा, पानी की निकासी के लिए पंप, पशुओं की बीमारी की रोकथाम के लिए चारे-भूसा तथा अन्य आवश्यक साम्रगी की व्यवस्था कर ली गई है। हर साल यमुना नदी,नून नदी,बेतवा का जल स्तर बढ़ता घटता रहता है। पिछली वर्ष जलस्तर यमुना का 122.930 मि.मि., बेतवा का 122.040 था। इस वर्ष अभी दोनों नदी खतरे के निशान से नीचे बह रही है।



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