माधौगढ़। नमामि गंगे योजना के तहत हर घर पानी देने की योजना बेमतलब साबित हो रही है।
लगभग एक करोड़ की लागत से नमामि गंगे योजना के तहत बनाई जा रही दीवारों में दरार आ गई। वहीं ट्यूबवेल का बोर खराब हो गया है। जिससे ग्रामीणों में योजना के अधिकारियों के प्रति रोष व्याप्त है।
क्षेत्र के गांव मींगनी में लगभग एक करोड़ की लागत से नमामि गंगे योजना की शुरुआत की गई। ठेकेदारों द्वारा पानी के लिए लगाया गया ट्यूबवेल का बोर खराब हो गया। विभाग के कर्मचारी काम छोड़कर चले गए हैं।
ग्रामीणों को पानी मुहैया कराने के लिए गांव में टंकी निर्माण के साथ-साथ गांव में लाइन डाल दी गई। नमामि गंगे योजना के अधिकारियों की अनदेखी के चलते योजना का कार्य मानकविहीन कराया जा रहा है। ग्रामीण दिनेश, शिवकुमार, राजेंद्र व जगदीश आदि का कहना है कि नमामि गंगे योजना के तहत ठेकेदार द्वारा बनाए जा रहे भवन की दीवार चटक गई है।
वही, मींगनी, हिम्मतपुरा, मढ़ा व भगवानपुरा गांवों के ग्रामीणों के लिए पानी देने के लिए लगाए गए ट्यूबवेल का बोर फेल हो गया है। ग्रामीणों का कहना है कि नमामि गंगे योजना के कर्मचारियों, ठेकेदारों की हीलाहवाली के चलते योजना बेमतलब साबित हो रही है।
मींगनी प्रधान प्रतिनिधि गब्बर सिंह का कहना है कि टयूबवेल का बोर खराब होने की शिकायत एडीएम नमामि गंगे विशाल यादव से भी की गई है। शिकायत करने के बाद भी टयूबवेल के दूसरे बोर होने की शुरुआत नहीं हुई है। नमामि गंगे जेई सुशील सहाय का कहना है कि जानकारी नहीं है, ट्यूबवेल का बोर फेल हो गया है। जांच कर दूसरा बोर शीघ्र कराया जाएगा।
माधौगढ़। मींगनी निवासी महिला संगीता देवी का कहना है कि नमामि गंगे योजना के तहत पानी देने के लिए लाइन डाल दी। घर के बाहर पाइप लगाकर छोड़ दिया गया। कर्मचारियों का कहना है कि सामान मिलते ही सामान लगा दिया जाएगा।
माधौगढ़। भगवानपुरा निवासी राजेश कुमार, सुनीता देवी का कहना है कि नमामि गंगे योजना के गांव में नाली खोद दी गई। लाइन डालने के बाद नाली के ऊपर मिट्टी नहीं डाली गई। जिससे गहरे गड्ढे होने से पानी भर जाने से निकलने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।