उरई। भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष ने भाजपा के जिला नेतृत्व पर टिकट बंटवारे पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने अपनी नाराजगी फेसबुक पर जाहिर की है। जिस समय उन्होंने फेसबुक पर पोस्ट की, उस समय प्रभारी मंत्री धर्मवीर प्रजापति जिले में पार्टी को जिताने के लिए लगातार बैठकें कर रहे थे। इस मामले में पूर्व जिलाध्यक्ष ने कहा कि क्षत्रिय समाज भाजपा का प्रतिबद्ध वोटर है, इसलिए सात सामान्य सीट में समाज का सम्मान रखने के लिए कम से ऊमरी नगर पंचायत से अध्यक्ष पद के लिए टिकट दिया जा सकता था।

भारती जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष और जेडीसी बैंक के सभापति ब्रजभूषण सिंह मुन्नू ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा कि वाह रे जिला भाजपा के संपूर्ण नेतृत्व, पूरे जिले में क्षत्रिय समाज को आपने एक भी सीट पर लड़ने के लायक नहीं समझा, यह सामाजिक अन्याय है। मैं भीष्म पितामह नहीं बन सकता। उनके पोस्ट करते ही समर्थन कमेंट करने वालों की बाढ़ आ गई। उनके सोशल मीडिया पर इस तरह नाराजगी जाहिर करने से भाजपा का जिला नेतृत्व असहज स्थिति में आ गया। इस मामले में जब ब्रजभूषण सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि जिले में सात सीटें सामान्य थीं। इसमें चार ब्राह्मण, दो वैश्य और एक ओबीसी को टिकट दिया गया है। उन्होंने कहा कि उनकी किसी जाति से कोई द्वेष नहीं है। वे भाजपा के प्रतिबद्ध कार्यकर्ता हैं। उन्होंने जिले के एक विधायक पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्होंने जातीय द्वेष के तहत काम करते हुए कार्यकर्ताओं को दरकिनार कर बाहरी व्यक्तियों को टिकट दिलवा दिए हैं। गौरतलब है कि भाजपा ने ऊमरी से मनोज तिवारी, माधौगढ़ से राघवेंद्र व्यास, कालपी से रमेश तिवारी, कोटरा से सियाशरण व्यास, जालौन से नेहा मित्तल, कोंच से प्रदीप गुप्ता और कदौरा से अर्चना शिवहरे को टिकट दिया गया है। इस मामले में भाजपा के जिला प्रभारी संजीव शृंगीऋषि ने कहा कि टिकट बंटवारे में सभी समाज के लोगों को समायोजित करने का प्रयास किया गया है।



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