फोटो – 25 शहर में स्थित बड़ी माता मंदिर
फोटो – 26 मंदिर में सजा मां का दरबार
मंदिर में हथा लगाकर नवजीवन के शुरूआत करते है दंपती
शहर के बीचों बीच स्थित है, बड़ी माता मंदिर
संवाद न्यूज एजेंसी
उरई। शहर के बीचों बीच स्थापित बड़ी माता मंदिर से शहर के लोगों की आस्था जुड़ी हुई है, प्रतिदिन पूजा अर्चना करने सैंकड़ों भक्त मंदिर पहुंचते हैं, नवरात्र में सुबह से शाम तक भक्तों का मंदिर में आना जाना लगा रहता है। अष्टमी नवमी पर जवारे व सांग चढ़ाने के लिए लोग दूर दूर से पहुंचते हैं।
शहर के मोहल्ला पाठकपुरा में स्थित प्राचीन बड़ी माता मंदिर पर भक्तों की भारी भीड़ हो रही है। इस मंदिर की स्थापना लगभग 70 वर्ष पूर्व वट्टन लाल नाथूराम ने कराई थी। उनके पौत्र प्रशांत गुप्ता ने बताया कि एक बार शहर में हैजा का प्रकोप बढ़ा था। पूरे जिले में अफरा तफरी का माहौल था। उनके बाबा हरिशंकर भी हैजा की चपेट में आ गए थे। तभी उनकी दादी रामप्यारी को माता ने दर्शन देकर कहा था कि तुम्हारा कुछ नहीं होगा। इसके बाद उनके दादा ठीक हो गए। इसी आस्था के चलते उनके पूर्वजों ने विशाल मंदिर की स्थापना कराकर सहयोग से भव्य मंदिर का निर्माण कराया था। तबसे अनवरत भक्तों की आस्था मंदिर से जुड़ी हुई है। मन्नत पूरी होने पर लोग जवारा भंडारा कन्या भोज करने यहां जरूर आते हैें। मंदिर के पुजारी श्यामलाल ने बताया कि मंदिर की आस्था व देवी के चमत्कार से कई जिलों व प्रांतों से भक्त दर्शन कर आशीर्वाद लेने आते हैं। शादी के बाद वर वधु मंदिर पर आकर हथा लगाकर पूजा अर्चना कर अपने नवजीवन की शुरूआत करते हैं।
नवदुर्गा महा विशाल शोभायात्रा निकाली
उरई। शारदीय नवरात्र की पंचमी पर नवदुर्गा महा विशाल शोभायात्रा शहर के मुख्य टाउनहॉल से निकाली गई। जो शहीद भगत सिंह चौराहा, दलगंजन तिराहा व अंबेडकर चौराहा होते हुए जेल रोड पहुंची। जहां भगवती दुर्गा के 9 स्वरूपों माता शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंद माता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री और फिर दुर्गा प्रतिमा की महा आरती हुई। जिसमें भक्तों ने मां भगवती की आरती दर्शन साथ ग्रहण कर अपने जीवन को सफल बनाया। जहां-जहां से नौ देवियों की शोभायात्रा गुजरी। वहां-वहां लोगों ने फूलों की बारिश की और माता के जयकारे लगाए। इस दौरान वेकार हैदर, शांतिमय दत्ता, शाहिद अली, अनुराग शुक्ला, नितिन अग्निहोत्री, ममता यादव,शशांक शेखर द्विवेदी आदि मौजूद रहे।