उरई। एसीएमओ परिवार कल्याण डॉ. एसडी चौधरी ने सीएचसी रामपुरा में जाकर स्टाफ के लेनदेन की शिकायतों की जांच की। उन्होंने प्रसव कक्ष में भर्ती मरीजों से पूछा कि उनसे स्टाफ ने सरकारी फीस के नाम पर वसूली तो नहीं की। हालांकि भर्ती प्रसूताओं ने किसी तरह के सुविधा शुल्क लेने से इन्कार किया। उन्होंने वार्ड में भर्ती मरीजों के खानपान के बारे में भी जानकारी ली पर प्रसूताओं और उनके तीमारदारों ने शिकायत नहीं की।
एसीएमओ डॉ. चौधरी सोमवार की देर शाम रामपुरा सीएचसी पहुंचे। सबसे पहले वह लेबर रूम में पहुंचे। वहां पर स्टाफ नर्स सुनीता यादव मौजूद थीं। वार्ड में सात प्रसूताएं भर्ती थीं। उन्होंने बारी-बारी सभी प्रसूताओं से पूछा कि प्रसव के लिए किसी तरह का सुविधा शुल्क तो नहीं लिया गया या किसी सरकारी फीस के नाम पर वसूली तो नहीं की गई। लेकिन किसी भी मरीज ने इसकी शिकायत नहीं की।
निरीक्षण के दौरान इस्टलाइजर (औजार गर्म करने वाली मशीन) और रिजेडेंट वार्मर भी खराब मिला। इमरजेंसी ट्रे में पर्याप्त दवाओं की उपलब्धता नहीं थी। इस पर एसीएमओ ने नाराजगी जताई और चिकित्सा अधीक्षक डॉ विनय पांडेय को इसे ठीक कराने के निर्देश दिए। स्टाफ नर्स के कक्ष में पानी रिसाव हो रहा था। जानकारी करने पर पता चला कि छत के ऊपर पेड़ उग आए हैं। उसकी कटान के बाद इस तरह से पानी टपक रहा है। एसीएमओ ने इसे ठीक कराने के निर्देश दिए।
उन्हें अस्पताल में बिजली की समस्या बताई गई। जानकारी करने पर पता चला कि जनरेटर का लोड काम नहीं कर रहा है। इससे रात के वक्त दिक्कत होती है। इस पर एसीएमओ ने अस्पताल में सोलर प्लांट लगवाने का प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए। एसीएमओ के निरीक्षण के दौरान अव्यवस्थाओं को चकाचक दिखाने की कोशिश की गई पर तब भी कुछ खामियां सामने आईं।
महिला शौचालय पर लटका मिला ताला
उरई। एसीएमओ ने सीएचसी माधौगढ़ का भी निरीक्षण किया। यहां पर एक प्रसूता भर्ती थी। महिला शौचालय में ताला लटक रहा था, जबकि पुरुष शौचालय में पानी नहीं आ रहा था। इस पर एसीएमओ ने नाराजगी जताई और चिकित्सा अधीक्षक डॉ कुलदीप को निर्देशित किया कि व्यवस्थाओं में सुधार किया जाए। उन्होंने कहा कि मरीज को रेफर करते वक्त उसका कारण भी बताएं।