कोंच। मोहर्रम की सातवीं तारीख पर बुधवार को कस्बे में अलम के जुलूस निकाले गए। जुलूसों में अकीदतमंदों की भारी भीड़ रही। ड्रोन कैमरे से भी अलम जुलूस मार्ग पर नजर रखी जा रही थी। जुलूस में पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मोहम्मद साहब के नवासे हजरत इमाम हुसैन व उनके कुनबे के 72 साथियों की शहादत को याद किया गया। ”या हुसैन या अली” की सदाएं बुलंद कर शहीदों को खिराज-ए-अकीदत पेश की गई।

दोपहर के बाद अलम-ए-मुबारक के जुलूस का सिलसिला शुरू होकर देर शाम तक जारी रहा। अलम मुबारक का मुख्य जुलूस नगर के चंदकुआं चौराहे पर स्थित इमाम चौक से आरंभ किया गया। जिसमें नगर के सभी इमाम चौकों के अलम शामिल हुए। जुलूस वहां से सागर तालाब, रामगंज, नई बस्ती तिराहा से लवली चौराहा, सब्जी मंडी, कटरा से होता हुआ स्टेट बैंक, बंगला से होकर मुख्य मार्ग भगतसिंह नगर, अंसारी चौक, आराजी लेन, कसाई मंडी, जामा मस्जिद से खलीफा चौक होकर बजरिया, महाते के चौक से सरवानो चौक से पावर हाउस पहुंचा। जहां विशाल मेले के रूप में परिवर्तित हो गया। यहां युवाओं ने अखाड़े खेल में करतब दिखाए। अलम जुलूस में शहर काजी वशीरुद्दीन के अलावा धार्मिक, सामाजिक व राजनीतिक दलों से जुड़े लोग भी शामिल हुए।

अलम के जुलूस में उमड़े अकीदतमंद

कालपी। नगर में छड़ तथा अलम बुर्राक के जुलूस परंपरागत तरीके निकाले गए। अकीदतमंदों ने मातमी माहौल में या हुसैन या हुसैन के नारे लगाकर माहौल को गुंजायमान कर दिया। दीवान औलिया ग्राउंड से अकीदतमंदों द्वारा छड़ जुलूस की शुरुआत की गई। भट्टीपुरा, रामचबूतरा, जुलैहटी चौराहा, हरीगंज, श्री दरवाजा होते हुए छड़ का जुलूस का दीवान औलिया ग्राउंड में समाप्त हुआ। जुलूस के भ्रमण के दौरान जगह जगह लंगर का आयोजन किया गया। महिलाओं बच्चों तथा अकीदतमंदो के द्वारा इमाम हुसैन की फातिहा का प्रोग्राम किया।



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