उरई। प्रदेश के पहले माइक्रो इरिगेशन सेंट्रल पिकेट सिस्टम की स्थापना के लिए डकोर ब्लॉक के रगौली गांव को चुना गया है।

मंगलवार को डीएम राजेश कुमार पांडेय ने आलाधिकारियों के साथ गांव पहुंचकर जमीन को देखा। डीएम ने बताया कि इस सिंचाई प्रणाली से एक बार में 30 हेक्टेअर खेत की सिंचाई की जा सकेगी। जिससे करीब 52 किसान लाभान्वित होंगे। इसका उदे्श्य किसानों की आय में बढ़ोतरी करना है। इस पद्धति से किसान उच्च प्रजातियों के बीजों का उत्पादन कर सकेंगे।

उद्यान व खाद्य विभाग प्रसंकरण विभाग के द्वारा डकोर ब्लॉक के रगौली गांव में सेंटर पीबोर्ट की स्थापना की जा रही है। इसकी स्थापना हो जाने से लगभग एक बार में 30 हेक्टेअर जमीन सिंचित होगी। प्रोजेक्ट के लिए लगभग 90 लाख रुपये खर्च होंगे। बुधवार को डीएम राजेश कुमार पांडेय ने रगौली पहुंचकर तालाब व जगह का निरीक्षण किया।

उन्होंने बताया कि रगौली गांव में प्रदेश का पहला चक्रीय बहुउद्देशीय सिंचन प्रणाली की शुरूआत की जा रही है, जो एक घंटे में किसानों की 30 हेक्टेअर फसल को सिंचित करेगा। एक बार में 52 किसान लाभान्वित होंगे। इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह होगी कि यह पद्धति रिमोट कंट्रोल सिस्टम से संचालित होगी। जिसको पानी की जरूरत नहीं होगी, उस तक पानी नहीं पहुंचेगा।

इसका मुख्य उद्देश्य उन्नत किस्म के बीजों का उत्पादन करना है। जिससे किसानों की आय दोगुनी से अधिक होगी। परमार्थ समाजसेवी संस्था के निदेशक अनिल सिंह ने बताया कि किसानों के लिए यह पद्धति प्रदेश के लिए नजीर बनेगी। रगौली से इसकी शुरूआत की जा रही है। इस दौरान सीडीओ भीमजी उपाध्याय, जिला उद्यान अधिकारी आशीष कटियार, परमार्थ समाजसेवी संस्थान के सचिव संजय सिंह, वरूण प्रताप सिंह, ग्राम प्रधान बलराम पाल आदि मौजूद रहे।

उरई। इस सिस्टम से किसान रबी, खरीफ, जायद की फसलों के लिए मौसम के मोहताज नहीं रहेंगे। वह जरूरत के अनुसार पानी का इस्तेमाल कर सकेंगे। इससे किसानों की आय बढ़ने के साथ अलग-अलग प्रजाति के बीज का उत्पादन भी कर सकेंगे। पानी की समस्या के कारण बीज की गुणवत्ता आ जाती है। नई तकनीकी से होने वाली बीजों की गुणवत्ता भी बढ़ेगी।



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