संवाद न्यूज एजेंसी

उरई। डेंगू मादा एडीज मच्छर से फैलने वाली बीमारी है। मच्छर एक-दूसरे व्यक्ति को काटकर डेंगू को फैलाता है। डेंगू पीड़ित व्यक्ति को तेज ठंड लगना, सिरदर्द, आंखों के पीछे दर्द होना, भूख न लगना, कमजोरी और कमर में दर्द से होती है। किसी मरीज में बीमारी के पहले घंटे में पैरों और जोड़ों में दर्द होता है। शरीर का तापमान तेजी से बढ़कर 104 पर पहुंच जाता है। ब्लड प्रेशर भी कम हो जाता है। आंखें लाल हो जाती हैं। डेंगू के मरीज को घबराना नहीं है। जांच के बाद मरीज को चिकित्सीय देखरेख में रखना होता है।

सीएमओ डॉ. एनडी शर्मा का कहना है कि मच्छरों से डेंगू-मलेरिया फैलता है। डेंगू के मच्छर पानी में पनपते हैं। डेंगू एक ऐसी बीमारी है, जिसका इलाज शुरू से नहीं हुआ तो यह जानलेवा हो सकता है। डेंगू के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने और इससे बचाव के तरीके समझाने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 16 मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया जाता है। इस साल का थीम ’डेंगू को हराने के लिए साझेदारी करें’ रखी गई है। डॉक्टरों कहना है कि डेंगू के लक्षणों को हल्के में नहीं लेना चाहिए।

एसीएमओ वेक्टर बॉर्न डिसीज डॉ. अरविंद भूषण का कहना है कि तेज बुखार और डेंगू के अन्य लक्षण दो से चार दिनों तक रहते हैं। इसके बाद अत्यधिक पसीने के साथ शरीर के तापमान में तेजी से गिरावट आती है।

अगले एक दिन तक शरीर का तापमान सामान्य रहता है और कमजोरी कुछ कम लगती है। अगले दिन बुखार दोबारा चढ़ना शुरू होता है। चेहरे को छोड़ पूरे शरीर पर लाल रंग को छोटे दाने हो जाते हैं। हथेलियां और तलवे सूजन के साथ गहरे लाल रंग के हो जाते हैं। इसलिए जागरूक होकर इलाज कराए।

मनमर्जी दवा न लें, चिकित्सकीय परामर्श जरूरी

जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. जीएस स्वर्णकार का कहना है कि डेंगू की जांच दो तरह से होती है। एक किट के माध्यम से और दूसरी एलाइजा जांच के माध्यम से। किट जांच में डेंगू के लक्षण मिलने पर पुष्टि के लिए एलाइजा जांच कराई जाती है। यह जांच राजकीय मेडिकल कालेज में होती है। बुखार आने पर अपने मन से दवा न लें। पेट दर्द, लगातार उल्टियां होना, क्लिनिकल फ्लूएड का जमा होना, बेचैनी और कमजोरी, लिवर के आकार का बढ़ोतरी होना और प्लेटलेट्स भी तेजी से गिरने पर तत्काल विशेषज्ञ चिकित्सक के पास जाकर जांच कराए।

आसपास मच्छरों को न पनपने दें

बचाव के लिए कूलर पानी की टंकियों , पानी के बर्तन, फ्रिज, ट्रे, फूलदान आदि को सप्ताह में खाली करें और धूप में सुखाकर प्रयोग करें।

पूरे शरीर को ढंकने वाला कपड़ा पहने।



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *