उरई। शहर के लोगों को बैठने और घूमने के लिए एक भी सही स्थान नहीं है। पार्क के नाम पर चहारदीवारी बनवा दी गई हैं। जो बजट पार्क को सुंदरीकरण के लिए खर्च हुआ था। उसका बंदरबांट हो गया है। लाखों खर्च होने के बाद भी पार्क बदहाल हैं।

कहने को शहर में सात से आठ पार्क हैं लेकिन किसी भी पार्क में कोई भी सुविधा नहीं है। चाहे रामकुंड पार्क हो, मोक्षधाम के सामने का पार्क या ठडेश्वरी पार्क। पार्क में बने शौचालय बदहाल स्थिति में है। कहीं भी शौचालय खुले नहीं है। पानी की भी व्यवस्था नहीं है। साफ-सफाई महीनों से नहीं हुई है। कोई घूमने जाए तो उसे घास और बबूल मिलेंगे। अतिक्रमण जमा हुआ है तो कहीं दरवाजे नहीं खुलते हैं।

ठडेश्वरी पार्क का निर्माण पाठकपुरा में एक साल पहले करवाया गया है। जिसकी लागत 29 लाख रुपये थी। लेकिन सुविधा के नाम पर सिर्फ बैठक की व्यवस्था है। बाकी पार्क में कहीं भी पानी की और शौचालय की व्यवस्था नहीं है। पार्क के अंदर बने शौचालय पर ताला पड़ा है। जिसके अंदर किसी ने सामान रखा है। पास में वॉश बेसिन टूट चुका है। लोगों ने बताया कि पार्क में कोई नहीं आता जाता है। क्योंकि पास में बनी सड़क पर कीचड़ भरा रहता है। कच्ची सड़क का निर्माण नहीं होने से परेशानी होती है। आवारा पशु भी घूमते रहते हैं। जो पार्क के अंदर तक बैठे रहते हैं। पालिका ने गलत स्थान पर पार्क का निर्माण करवाया है। शौचालय पर भी अतिक्रमण है।

करीब दो साल होने वाले हैं। अभी तक मोक्षधाम के सामने बना पार्क का निर्माण नहीं हो पाया है। 32 लाख की लागत से इसका निर्माण हो रहा है। आज तक इसका निर्माण नहीं हो पाया। अंदर बच्चों के झूले लगाए हैं। लेकिन आधे अधूरे लगाए हुए हैं। पार्क के अंदर गिट्टी,बालू डालकर अवैध कब्जा कर लिया गया है। जिसे पालिका आज तक खाली नहीं करवा पाई है। कहीं भी घास नहीं है। चारों तरफ मिट्टी पड़ी हुई है। पार्क के आसपास करीब 10 हजार की आबादी रहती है। कोई सुविधा नहीं होने से कोई पार्क में नहीं आता है। पार्क के अंदर दो लाख की लागत से पिंक शौचालय बनवाया जा रहा था। आज तक शौचालय निर्माणाधीन है।

कर्मचारी भेजकर सफाई करवाई जाएगी। शौचालय को खुलवाया जाएगा। देरी से निर्माण को लेकर ठेकेदारों को नोटिस भेजे जाएंगे।

-विमलापति, ईओ, नगर पालिका उरई



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