जालौन। नगर में अलग-अलग जगहों पर पानी की पाइप लाइन लीकेज होने से रोजाना हजारों लीटर पानी बर्बाद होकर सड़क पर बह रहा है। जल संस्थान में शिकायत करने के बाद भी सुनवाई नहीं हो रही है।
नगर के मोहल्ला मुरलीमनोहर में जल संस्थान ने पेयजल आपूर्ति के लिए लाइन बिछाई है। इसी प्रकार चुर्खी रोड स्थित बालाजी मंदिर से औरैया मार्ग की ओर पाइप लाइन बिछाई गई है। उक्त पाइप लाइन में करीब एक माह से ज्यादा समय से लीकेज है। लीकेज पाइप लाइन से रोजाना हजारों लीटर पानी बर्बाद होकर सड़क पर बह रहा है। पानी बहने के कारण पाइप लाइन में प्रेशर नहीं बन रहा है। जिससे लोगों के घरों में पानी नहीं पहुंच पा रहा है।
मोहल्ले के लक्ष्मीकांत, ललित, अरविंद कुमार, शिवराम जाटव, अशफाक आदि ने बताया कि लीकेज लाइन दुरुस्त कराने के लिए वह कई बार जल संस्थान में शिकायत कर चुके हैं। लेकिन अभी तक दुरुस्त नहीं की गई। एक ओर जहां सरकार जल संरक्षण पर जोर दे रही है। वहीं, जल संस्थान पानी की बर्बादी को रोकने के लिए कोई प्रयास नहीं कर रहा है। मोहल्ले के लोगों ने आला अधिकारियों से लीकेज पाइप लाइन को दुरूस्त कराने की मांग की है। जेई आलोक श्रीवास्तव ने बताया कि कर्मचारियों की कमी के चलते लीकेज ठीक होने में समय लग जाता है, लीकेज ठीक कराए जा रहे हैं।
पाइप लाइन खुदाई में गड्ढे बने मुसीबत
जालौन। मोहल्ले में सड़क की खुदाई कर पाइप लाइन बिछा दी गई। इसके बाद सड़क को मिट्टी भरकर छोड़ दिया गया। बारिश में गड्ढे राहगीरों व आसपास के निवासियों के लिए परेशानी का सबब बने हैं।
नगर क्षेत्र के मोहल्ला हरीपुरा में दो वर्ष पूर्व जल निगम ने पाइप लाइन डाली थी। लाइन डालने के लिए गली में बनी इंटरलॉकिंग को तोड़ दिया गया। गली के बीच में इंटररलाकिंग खोदकर पाइप लाइन डाली गई। लाइन डालने के बाद ठेकेदार ने गड्ढे भरने के नाम पर खानापूर्ति कर मिट्टी भरवा दी। अब लगातार बारिश होने से गड्ढे में भरी मिट्टी बैठ गई है। मिट्टी बैठने के कारण जहां आवागमन में दिक्कत हो रही है। वहीं, जब बारिश का पानी व कीचड़ गड्ढे में भर जाता है तो गड्ढे का आभास नहीं होता है। ऐसे में गली से होकर निकलने में राहगीरों को दिक्कत हो रही है और आसपास के लोग परेशान हैं। मोहल्ले के पवन कुमार, संतोष याज्ञिक, जितेंद्र कुमार, शिवराम, सीताराम आदि ने मांग की कि खोदी गई सड़क की मरम्मत कराई जाए और इंटरलॉकिंग डालकर सड़क को दुरुस्त किया जाए ताकि आवागमन में दिक्कत न हो।