लुटेरे को अदालत ने छह साल कैद की सजा सुनाई
अलग अलग दिया था लूट की वारदात को अंजाम, दो हजार अर्थदंड भी ठोंका
सवाद न्यूज एजेंसी
उरई। लूट के अलग-अलग मामलों में दो सिद्ध होने पर न्यायालय ने छह साल की सजा सुनाई। दो हजार रुपये जुर्माना लगाया। जुर्माना अदा न करने पर छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा।
शासकीय अधिवक्ता महेंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि उरई कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला रामनगर निवासी सीताराम सोनी ने पुलिस को 14 अप्रैल 2015 को शिकायती पत्र देकर बताया था कि सोने चांदी के बैग में भरकर जेवरात ग्राम वैद मिनौरा ले जा रहा। तभी कककरा स्कूल के पास बिना नंबर की बाइक में दो अज्ञात लोगों ने रोककर तमंचा लगाकर आभूषणों से भरा बैग, 1900 रुपये और मोबाइल लूट ले गए थे। वही माधौगढ़ कोतवाली क्षेत्र के अड़ाई गांव निवासी सर्वेश कुमार ने 23 अप्रैल 2015 को तहरीर देकर बताया था कि 21 अप्रैल 2015 को अपने गांव से पत्नी के साथ बाइक से ससुराल अटराकलां जा रहा था। तभी रास्ते में दो अज्ञात लोगों ने बाइक रोककर पत्नी के जेवरात व एक हजार रुपये नगद मोबाइल छीन कर ले गए थे। वही कालपी कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला रामनगर चबूतरा निवासी रामलखन तिवारी ने पुलिस को तहरीर देकर बताया था कि 8 अप्रैल 2015 को शाम को शाम अपनी बाइक के डिग्गी में रखकर 7 लाख 28 हजार रुपये लेकर मलिक अरुण मेहरोत्रा को देने जा रहा था। कागज फैक्ट्री के पास जैसे ही पहुंचा तभी दो अज्ञात लोगों ने आंखों में पीसी लाल मिर्च डाल दी और बाइक में टक्कर मार दी और रुपये लेकर भाग गए। पुलिस ने चेकिंग के दौरान कानपुर देहात जिले के ग्राम दमनपुर निवासी सतीश कुमार को पकड़ लिया। तलाशी में उसके पास से लूट का माल बरामद हुआ। पुलिस की पूछताछ में अभियुक्त ने कालपी, माधौगढ़ और उरई में लूट की वारदात को कबूल किया ता। पुलिस ने सतील के खिलाफ न्यायालय में चार्जशीट दाखिल कर दी थी। डकैती कोर्ट में 8 साल चल ट्रायल के बाद सोमवार को सुनवाई पूरी हुई। जिसमें दोनों पक्षों की अधिवक्ताओं की जिरह और गवाहों के बयान सुनने के बाद न्यायाधीश अचल लवानिया ने सतीश को अलग-अलग लूट के मामले में दोषी पाते हुए छह साल की कैद व दो हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई।