संवाद न्यूज एजेंसी
उरई। राष्ट्रीय लोक अदालत का जिला जज लल्लू सिंह ने फीता काटकर और दीप प्रज्ज्वलन कर विधिवत उद्घाटन किया। लोक अदालत में 1,31,598 वादों का निस्तारण किया गया। इनमें बैंकों के बकाया ऋण के 364 मामलों में बैंक एवं बकायेदारों के मध्य 2,89,59,000 रुपये धनराशि का समझौता कराया गया। श्रीराम सिटी यूनियन फाईनेंस लिमिटेड द्वारा 167 मामलों में 14 लाख रुपये धनराशि वसूल की गई। आपराधिक प्रकरणों में विभिन्न न्यायालयों ने 4,46,800 रुपये बतौर जुर्माना वसूला गया। लोक अदालत में करीब एक लाख पचास हजार वादकारी लाभान्वित हुए।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव रेनू यादव ने बताया कि जिला जज ने 21 मुकदमों का निस्तारण कर 70,08,959 रुपये की धनराशि पक्षकारों को दिलाई। मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण के पीठासीन अधिकारी राजीव कुमार ने 91 मामलों का निस्तारण कर पीड़ि़तों को 4,07,74,227 रुपये की धनराशि क्षतिपूर्ति के रूप में दिलाई। कुटुम्ब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश जी प्रसाद ने 24 मुकदमों का निस्तारण किया। उन्होंने भरण पोषण के मामलों में 4,62,500 रुपये पीड़ित महिलाओं को दिलाए। अपर कुटुम्ब न्यायाधीश अमृता शुक्ला ने 56 मामलों का निस्तारण किया। जिला उपभोक्ता संरक्षण आयोग के पीठासीन अधिकारी विनोद कुमार द्वारा 27 मुकदमों का निस्तारण कर 20,97,553 रुपये याचीगण को दिलाए। स्थायी लोक अदालत (पीयूएस) के पीठासीन अधिकारी राजवर्धन गुप्ता ने एक मुकदमे में पक्षकारों के मध्य सुलह कराते हुए उन्हें विवाद से राहत प्रदान की। इसके अलावा एडीजे प्रथम अरूण कुमार मल्ल ने तीन, विशेष न्यायाधीश शिवकुमार ने दो, विशेष न्यायाधीश (ईसी एक्ट) प्रमोद गुप्ता ने विद्युत अधिनियम के 522 मुकदमों का निस्तारण किया। सीजेएम महेंद्र कुमार रावत समेत सभी न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा 3124 आपराधिक वादों का निस्तारण करते हुए 4,38,800 रुपये अर्थदंड जमा कराया। सिविल जज राजीव सरन, अर्पित सिंह, अंचल लवानिया, मोहम्मद आजाद, अवनीश कुमार, वंदना अग्रवाल, शशांक गुप्ता,प्रियंका सरन, अनुकीर्ति संत, उमैमा शहनवाज, मोहित निर्वाल, वंदना, रविकांत, इशिता सिंह, दीपक गौतम, चंद्रभान ने भी मामले निस्तारण में सहयोग किया।