उरई। राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन जिला जजी समेत सभी बाह्य न्यायालयों में किया गया। जिला जज लल्लू सिंह ने लोक अदालत का उद्घाटन किया। लोक अदालत में 1,36,092 वादों का निस्तारण किया गया। इनमें बैंकों के बकाया ऋण के 530 मामलों में बैंक एवं बकायेदारों के बीच 6,14,92,502 रुपये की धनराशि का समझौता कराया गया। श्रीराम सिटी यूनियन फाइनेंस के 38 मामलों का निस्तारण हुआ।
आपराधिक प्रकरणों में विभिन्न न्यायालयों ने 5,51,093 रुपये बतौर जुर्माना धनराशि अभियुक्तों से राजकीय कोष में जमा कराई। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव रेनू यादव ने बताया कि जिला जज ने चार मुकदमों का निस्तारण कर 24,18,204 रुपये धनराशि पक्षकारों को दिलाई। मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण के दो मामलों में बीमा कंपनियों से वादियों को 10,90,000 रुपये क्षतिपूर्ति दिलाई गई। कुटुंब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश मनोज कुमार सिंह गौतम ने 16 मुकदमों का निस्तारण कर चार जोड़ों का पुर्नमिलन कराते हुए भरण पोषण के मामलों में 5,94,000 रुपये धनराशि पीड़ित महिलाओं को दिलाई।
अपर कुटुंब न्यायाधीश अमृता शुक्ला ने 36 मुकदमों का निस्तारण कर भरण पोषण के मामलों में 7,26,000 पीड़िताओं को दिलाए। उन्होंने 14 वैवाहिक मामले प्रीलिटिगेशन स्तर के भी निपटाए। जिला उपभोक्ता संरक्षण आयोग के अध्यक्ष विनोद कुमार ने 12 मुकदमों का निस्तारण 39,36,330 रुपये याचियों को दिलाए। स्थाई लोक अदालत के अध्यक्ष राजवर्धन गुप्ता ने भी तीन मामलों का निस्तारण किया।
एडीजे प्रथम अरूण कुमार मल्ल, विशेष न्यायाधीश एससीएसटी एक्ट शिवकुमार, विशेष न्यायाधीश ईसी एक्ट प्रमोद गुप्ता ने वाद निपटाए। सीजेएम महेंद्र कुमार रावत समेत सभी न्यायिक मजिस्ट्रेट ने 5093 आपराधिक वादों का निस्तारण कर 4,67,593 रुपये अर्थदंड जमा कराया। सिविल जज राजीव सरन, अपर सिविल जज गजेंद्र सिंह, अर्पित सिंह, विशेष न्यायाधीश अंचल लवानिया, प्रमोद कुमार गुप्ता, मोहम्मद आजाद, डॉ. अवनीश कुमार, अंजू राजपूत, वंदना अग्रवाल, शशांक गुप्ता, प्रियंका सरन, अनुकृति संत, उमैमा शहनवाज, मोहित निर्वाल, वंदना, रविकांत, इशिता सिंह, दीपक गौतम, चंद्रभान ने मामले निस्तारित किए। इसके अलावा जिला मजिस्ट्रेट, अपर जिला मजिस्ट्रेट, उप जिला मजिस्ट्रेट, सिटी मजिस्ट्रेट, तहसीलदार न्यायालय में राजस्व संहिता और फौजदारी के 1595 मामलों निपटाए गए।