संवाद न्यूज एजेंसी

उरई।

भीषण गर्मी के दिनों में बिजली का रोस्टर फेल साबित हो रहा है। हकीकत यह है कि इन दिनों पर्याप्त मात्रा में बिजली नहीं मिल पा रही। शहरी क्षेत्रों में बिजली फाल्ट की तादाद दिन पर दिन बढ़ रही है। रात को लोग चैन से नहीं सो पा रहे।

अंधाधुंध बिजली कटौती के चलते लोग सड़कों पर उतर आए थे। रविवार को लोगों ने जाम भी लगाया था। उसके बाद भी उरई की बिजली व्यवस्था में सुधार देखने को नहीं मिल रहा है। ट्रांसफार्मर भी आए दिन फुंक रहे हैं। फाल्ट आने का कारण खंभों पर झूल रहे जर्जर तार को माना जा रहा है। 24 घंटे में मात्र 14 से 16 घंटे ही बिजली मिल पा रही है। शहर के तिलकनगर में एक माह से ऊपर हो गया। रात को लोगों को बिजली नहीं मिल पा रही है।

इसके चलते लोगों को रात को परेशान होना पड़ रहा है। वही दिन में भी फॉल्ट से लोग परेशान हैं। बिजली ना मिल पाने के कारण 300 परिवार के सामने बिजली के साथ पानी की भी समस्या देखने को मिल रही है। बिजली न मिलने का सबसे बड़ा कारण वहां पर रोज 24 घंटे में तीन से चार बार हो रहा है फाल्ट व ट्रांसफार्मर फुंकने के कारण लोगों को पर्याप्त बिजली नहीं मिल पा रही है। सलमान, जाहिद, अनस,फैजान, शकील, मुन्ना, बब्लू, आदि ने बताया कि एक माह से ऊपर हो चुका है।

रात को बिजली पर्याप्त नहीं मिल पा रही है। वहीं दिन में भी बिजली की अंधाधुंध कटौती की जा रही है। मोहल्ले के तार बदल जाए इसके साथ ही मोहल्ले में दो ट्रांसफार्मर लगाकर दोनों ट्रांसफार्मर में लोड को बांट दिया जाए। तब जाकर इस समस्या का समाधान हो सकता है। कर्मचारी भी रोज हो रहे फॉल्ट को सुधारने में आनाकानी करने लगे हैं। सिर्फ तिलकनगर ही नहीं बघौरा, शिवपुरी, इंदिरानगर राजेंद्रनगर, नया पटेलनगर जैसे मोहल्लों में भी रात को बिजली जाने से लोगों को परेशानी हो रही है। अधीक्षण अभियंता आरके यादव ने बताया कि कई जगह ओवरलोड की समस्या आ रही है। दिखवाकर समाधान किया जाएगा।

लोगों की बात

अशफाक ने बताया कि एक माह से ज्यादा हो गया। रात को तो बिल्कुल ही लाइट नहीं आ रही है। जैसे तैसे लाइट आती है, तो फाल्ट हो जाता लोड बहुत ज्यादा बढ़ चुका है। बारिश के बाद उमस और गर्मी से लोग यहां के बेहाल है।

जमीरउद्दीन ने बताया कि यह समस्या गर्मी की समय हर साल रहती है। जब तक यहां दो ट्रांसफार्मर अलग-अलग नहीं लगेंगे। लोड नहीं बंटेगा । तब तक यह समस्या बनी रहेगी। जेई से इसकी शिकायत की थी। उसके बाद भी अधिकारी जानकर भी अंजान बने हुए हैं।



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