उरई। भीषण गर्मी में रेलवे यात्रियों को ठंडा पानी नहीं दे पा रहा है। झांसी-कानपुर रेलमार्ग के उरई के आसपास के स्टेशनों पर कई जगह वाटरबूथ और हैंडपंप खराब पड़े है। जो सही भी है उनमें ठंडा पानी नहीं मिल पा रहा है। यात्री पानी खरीदकर पीने को मजबूर है। संबंधित स्टेशन प्रबंधकों का कहना है कि इस बाबत विभागीय अधिकारियों को लिखित रूप से अवगत कराया जा चुका है। सरसौखी में एक हैंडपंप लगा है, जो चालू हालत में है। आटा स्टेशन पर लगे एकमात्र हैंडपंप से गंदा पानी निकल रहा है। उसरगांव स्टेशन पर लगे दो हैंडपंपों में एक खराब है। कालपी में लगे दो हैंडपंपों में एक ही चालू है वो भी गंदा पानी दे रहा है। उरई से झांसी की ओर जाने वाले स्टेशनों में भुआ स्टेशन पर तीन हैंडपंप लगे है। इसमें दो खराब है। चालू हैडपंप से जो पानी आ रहा है वो पीने लायक नहीं है। एट स्टेशन पर तीन हैंडपंप लगे है। यहां पर दो चालू है और एक खराब पड़ा है। पिरौना में तीन हैंडपंप लगे है लेकिन यहां जलस्तर नीचे होने के कारण ये हैंडपंप बहुत कम पानी देते हैं।
यात्रियों को पानी मुहैया कराने के लिए वाटरबूथ भी बनाए गए है। इसमें सरसौखी, आटा, उसरगांव, भुआ, पिरौना में वाटरबूथ से या तो गर्म पानी आ रहा है या फिर वाटर बूथ खराब पड़े है। जिसकी वजह से यात्री ठंडे पाने के लिए भटकते दिखाई देते है।
रेलवे क्रासिंग के गेटों पर भी पानी की समस्या पिरौना से कालपी स्टेशन के बीच कुल 31 रेलवे क्राॅसिंग है। कपासी रेलवे क्राॅसिंग, बड़ागांव रेलवे क्राॅसिंग, अजनारी रोड रेलवे क्राॅसिंग, आटा रेलवे क्राॅसिंग, करमेर रोड रेलवे क्राॅसिंग पर हैंडपंप खराब पड़े हैं। जिसकी वजह से यहां तैनात स्टाफ भी पानी के लिए परेशान होते हैं।
बड़ागांव निवासी यात्री दीपांशु का कहना है कि उन्हें दिल्ली जाना था। भुआ स्टेशन से मेमू ट्रेन पकड़ने पहुंचे। जब पानी की तलाश की तो पानी नहीं मिला। एक हैंडपंप दिखाई दिया लेकिन वह भी गंदा पानी दे रहा था। मजबूरी में उन्हें बोतल खरीदनी पड़ी।
कपासी के विनोद का कहना है कि वह कानपुर जा रहे थे। भुआ स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर दो पर वाटरबूथ तो बना है लेकिन उसमें पानी नहीं आ रहा था। हैंडपंप भी पानी नहीं दे रहे थे। उन्हें उरई स्टेशन पर बोतल खरीदनी पड़ी।
वरिष्ठ मंडल इंजीनियर सेंट्रल कपिल गोयल का कहना है कि मामला संज्ञान में आया है। वह जल्द खराब हैंडपंप और वाटरबूथों का सर्वे कर पानी की व्यवस्था दुरुस्त कराएंगे।