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वाहनों की भी घट रही उम्र, लोक निर्माण विभाग और नगर पालिका कोई सुध नहीं ले रही

संवाद न्यूज एजेंसी

उरई। शहर की प्रमुख सड़कों पर छह-छह मीटर के गड्ढे हैं। जिनसे गुजरने वाले वाहनों की आधी उम्र घट रही है तो लोगों की रीढ़ की हड्डी कमजोर पड़ रही है। जिले में 40 हजार के करीब दो व चार पहिया वाहन रजिस्टर्ड हैं। प्रतिदिन औसतन एक दुकान पर शॉकर, क्लच प्लेटें और बियरिंग खराब होने की आठ से 10 बाइकें पहुंचती हैं तो डाक्टरों के पास कमर, गर्दन व कंधे में दर्द की शिकायत के साथ प्रतिदिन सौ से ज्यादा मरीज पहुंचते हैं। शुक्रवार को तीन प्रमुख सड़कों की 500-500 मीटर तक की पड़ताल की गई। इसमें ढाई सौ के करीब गड्ढे मिले। जिनकी वजह से लोगों के वाहनों और शरीर में तकलीफ हो रही है। लेकिन, न ही लोक निर्माण विभाग और न ही नगर पालिका कोई सुध ले रही है, यहां तक कि प्रशासन को भी इसकी कोई चिंता नहीं है।

फोटो::::: 18 – राठ रोड पर गड्ढे से बचकर किनारे से निकलते वाहन।

सीन : 1

राठ रोड पर मौनी मंदिर से बैरी वाले बाबा तक करीब 500 मीटर सड़क की पड़ताल की। यहां दोनों साइड 127 गड्ढे मिले। इस रोड पर मौनी मंदिर से बैरी वाले बाबा की ओर जाने वाली साइड में ब्रिज से उतरते ही सबसे बड़ा गड्ढा मिला, यह गड्ढा करीब छह मीटर बड़ा था। इस सड़क में डेढ़ साल पहले गड्ढे भरने का काम हुआ था, इसके बाद नई सड़क तो बनना दूर दोबारा पैचवर्क भी नहीं हुआ। ये हाल तब है, जब इन दो मंदिरों के अलावा चार गेस्ट हाउस, इलाहाबाद सहित अन्य बैंक, दो बाइक एजेंसियां, मंदिर, मजार है, जहां प्रतिदिन डेढ़ हजार वाहनों का आवागमन रहता है। बरसात में सड़क पूरी गायब हो जाती है।

फोटो::::: 19 – कालपी रोड पर गड्ढा।

सीन – 2

कालपी रोड पर कचहरी से सूर्या होटल तक करीब 500 मीटर रोड की पड़ताल की। इस सड़क पर गड्ढोंं को डस्ट डालकर पाटने की कोशिश की गई। धूप और हवा चलने से राहगीर धूल उड़ने से परेशान दिखे। इस रोड पर 50 से ज्यादा गड्ढे मिले। इस रोड पर सबसे बड़ा गड्ढा अर्चना टाकीज के सामने था, जो करीब दो मीटर बड़ा था। इस रोड पर कचहरी के अलावा बिजली विभाग, टॉकीज, उद्यम विभाग, गेस्टहाउस, काल्पी बस स्टैंड आदि हैं। इस वजह से इस मार्ग पर प्रतिदिन 20 हजार से ज्यादा लोगों को आना जाना रहता है। बावजूद इसके एक साल पहले मेंटीनेंस हुआ और फिर जिम्मेदार इसे भूल गए।

सीन – 3

फोटो::::: 20 -अजनारी रोड पर गड्ढे।

अजनारी रोड पर विनायक स्कूल से अजनारी मोड़ तक पड़ताल की। इस दौरान इस रोड पर करीब 80 गड्ढे मिले। इस रोड पर एक से दो मीटर के गड्ढे सबसे ज्यादा थे। इस रोड पर दो दर्जन के करीब गांव होने की वजह से ग्रामीण सबसे ज्यादा आते हैं। प्रतिदिन चार हजार वाहनों तक का दबाव होता है। गड्ढे होने की वजह से लोग गिरते हैं और चुटहिल होते हैं। इस रोड पर स्कूल, गेस्टहाउस आदि ज्यादा है।

बाइक मैकेनिक की राय-

-खस्ताहाल सड़कों पर संभलकर चलें नहीं तो क्लच प्लेटें और शॉकर खराब होने का खतरा बढ़ जाता है। पटेल चौराहे के पास स्थित बाइक मैकेनिक अरशद अंसारी ने बताया कि गड्ढे में जाती है तो सबसे पहले शॉकर पर असर पड़ता है।

शॉकर कमजोर पड़ने के बाद बियरिंग पर असर पड़ना शुरू हो जाता है। गड्ढे की वजह से बार-बार रोकने से क्लच प्लेटें खराब हो जाती हैं। टायर और ट्यूब की उम्र भी घट जाती है। इससे दो पहिया वाहनों में तीन से चार और चार पहिया वाहनों में 10 हजार रुपये तक का खर्च बढ़ जाता है। प्रतिदिन करीब दस वाहन एक दुकान पर आते हैं और शहर की 50 दुकानों पर यह संख्या प्रतिदिन औसतन 400 से 500 तक पहुंच जाती है।

ऑपरेशन तक की आ जाती है नौबत

-जिला अस्पताल के हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. मधु सूदन ने बताया कि जिला अस्पताल में प्रतिदिन हड्डी के 80 मरीज आते हैं, जिनमें आधे मरीज कमर, कंधे और गर्दन में दर्द और दुर्घटना ग्रस्त के आते हैं। उनकी रीढ़ की हड्डी और गर्दन के पास मांसपेसियों में खिचाव होने की वजह से ऐसा होता है। ऐसी स्थिति में रीढ़ की हड्डी में सुन्नपन शुरू हो जाता है और समस्या बढ़ती है तो ऑपरेशन तक की नौबत आ सकती है। शहर में करीब आधा दर्जन निजी अस्पतालों में भी दो दर्जन के करीब इसी तरह के मरीज प्रतिदिन पहुंचते हैं।

इन सड़कों का भी बुरा हाल

-इकलासपुरा रोड पर कई गड्ढे हैं।

-झांसी रोड पर भी खराब सड़क पर होती है दुर्घटनाएं।

-कोंच रोड भी बहुत खस्ताहाल है।

-जालौन वाईपास पर कई बार गड्ढे में वाहन फंस जाता है

-मुख्य बाजार के मुख्य चौराहे की सड़क खराब।

फोटो- 21- आमिर खान

दुकानदार आमिर खान ने बताया कि राठ रोड पर उनकी दुकान है। बरसात में सड़क गायब हो जाती है और दुर्घटनाएं होती हैं।

फोटो: 22 – राघवेंद्र

मौनी मंदिर के पास दुकानदार राघवेंद्र ने बताया कि डेढ़ साल पहले सड़क की मरम्मत हुई, फिर इसे भूल गए। अब यहां लोग गिरते रहते हैं।



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