जालौन। ब्लॉक क्षेत्र की 62 ग्राम पंचायतों में अमृत सरोवर योजना के तहत 21 तालाबों का निर्माण कराया गया है, लेकिन उनके भरने की व्यवस्था नहीं की गई है। जिसके चलते गर्मी में अधिकांश तालाब सूख गए हैं या सूखने की कगार पर हैं। ग्रामीणों ने तालाबों को भरवाने की व्यवस्था कराने की मांग की है।

जलस्तर को बनाए रखने एवं बारिश के पानी की संरक्षण के लिए सरकार की ओर से अमृत सरोवर योजना लागू की गई थी। योजना के तहत विकास खंड की 62 ग्राम पंचायतों में से रिनियां, हरक्का, महिया कमालपुर, धंतौली, खनुआं, गढ़गुवां, काशीपुरा आदि 21 ग्राम पंचायतों में तालाबों का निर्माण कराया गया। इन 21 गांवों में तकरीबन डेढ़ करोड़ की लागत से तालाबों का जीर्णोद्धार कराया गया है।

तालाब की खुदाई के साथ वहां पौधों का रोपण कराया। तालाब में उतरने के लिए सीढि़यों का भी निर्माण कराया गया। राष्ट्रीय पर्वों पर ध्वजारोहण की भी व्यवस्था की गई। इतना सब होने के बाद भी तालाबों को भरने की व्यवस्था नहीं की गई। तालाबों को भरने के लिए बारिश के पानी के सहारे की छोड़ दिया गया। तालाब तक नहर का पानी न आने से गर्मी के मौसम में अधिकांश तालाब सूख गए हैं या सूखने की कगार पर पहुंच गए हैं।

बेमौसम बारिश के चलते कुछ तालाबों में तली में पानी है। पानी तली में होने के कारण उसका उपयोग भी नही हो सकता है। इस बाबत बीडीओ संदीप यादव ने बताया कि तालाब नहर के पानी से भरे जाने हैं। कुछ प्रधानों तालाबों में पानी भरवा दिया है। जबकि कुछ तालाबों में पुन: खुदाई होनी है। इसलिए उन्हें खाली रखा गया है।



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