उरई। जिले में स्क्रब टाइफस का पहला मामला आया है। बाबई पीएचसी के मुसमरिया गांव निवासी ट्रक चालक रामलखन (45) में स्क्रब टाइफस की पुष्टि हुई है। सूचना पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मुसमरिया गांव पहुंचकर जांच पड़ताल की। लोगों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे हैं। मुसमरिया निवासी रामलखन अहमदाबाद में ट्रक चलाता है। रक्षाबंधन पर घर आया था। यहां उसे बुखार आया। आराम न मिलने पर परिजन उसे लेकर झांसी मेडिकल कॉलेज पहुंचे। जांच में स्क्रब टाइफस के लक्षण मिले। इस पर टीम ने सैंपल भेजा तो स्क्रब टाइफस की पुष्टि हुई।
जिले में स्क्रब टाइफस का मामला मिलने पर स्वास्थ्य विभाग में हलचल मच गई। संचारी रोग विभाग के नोडल अधिकारी डॉ. वीरेंद्र सिंह ने तत्काल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बाबई की टीम को गांव भेजा और जांच पड़ताल की। बताया कि अन्य परिजनों में स्क्रब टाइफस के लक्षण नहीं मिले है। गांव में भी स्थिति ठीक है। स्वास्थ्य टीम स्थिति पर नजर रखे हुए हैं।
महामारी विशेषज्ञ महेंद्र कुमार का कहना है कि स्क्रब टाइफस संक्रमित चूहों से फैलती है। यह बीमारी उन लोगों को होने की ज्यादा आशंका होती है, जो झाड़ियों के आसपास रहते हैं। इसलिए घर के आसपास साफ सफाई रखना जरूरी है। ऐेसे स्थानों पर जाने से पहले जूते पहनकर जाना चाहिए। फुल बांह के कपड़े पहने। झाड़ियों की कटाई कर दें और बारिश के दौरान विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए।
लक्षण
बुखार, सिरदर्द, ठंड लगना, लाल या काले चकत्ते, शरीर में दर्द आदि इस बीमारी के लक्षण हैं। यदि किसी में ये लक्षण दिखें तो तत्काल डॉक्टर को दिखाएं।
समय से इलाज पर ठीक हो जाती है बीमारी
बैक्टीरिया के शरीर में प्रवेश करने के चार पांच दिन बाद ही स्क्रब टाइफस के लक्षण विकसित होने शुरू हो जाते हैं। यदि उपचार न किया जाए, तो संक्रमण घातक हो सकता है। यह रोग श्वसन तंत्र, गुर्दे, मस्तिष्क को प्रभावित कर सकता है। अगर बीमारी की पहचान जल्दी हो जाए तो इसे एंटीबायटिक दवाओं से आसानी से ठीक किया जा सकता है।