जुझारपुरा गांव पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम
एक्सपायरी दवा वितरण से महिलाओं की तबीयत बिगड़ने का मामला
संवाद न्यूज एजेंसी
कोंच। तहसील के ग्राम जुझारपुरा में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते गांव की एएनएम द्वारा दी गई एक्सपायरी डेट की दवाएं खाकर जिन गर्भवती महिलाओं की हालत बिगड़ी थी उनका हालचाल जानने के लिए सोमवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव पहुंची।
दवा जून में ही एक्सपायर हो गई थी इसके बावजूद एएनएम ने वह गर्भवती महिलाओं को बांट दी थी। गांव की एएनएम रूबी ने शनिवार को प्राथमिक विद्यालय में बने आंगनवाड़ी केंद्र पर गांव की चार गर्भवती महिलाओं को आयरन की एक्सपायरी दवा बांट दी थी। हालांकि इस बात को एएनएम ने भी स्वीकार किया था कि हां, गलती हुई है। रविवार को एक्सपायरी दवा वितरण का यह मामला अखबारों और सोशल मीडिया पर सुर्खियों में आने के बाद स्वास्थ्य विभाग में खलबली मच गई।
सीएमओ डॉ. एनडी शर्मा ने मामले की जांच के आदेश भी दिए थे। सोमवार को स्वास्थ्य विभाग की दो सदस्यीय टीम जिसमें डॉ. सुनील कुमार व स्टाफ नर्स पुरुष अरविंद कुमार गांव में पहुंचे और गर्भवती महिलाओं के घर घर जाकर उनसे हालचाल जाना है। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. कमलेश राजपूत ने बताया कि आज डॉक्टरों की टीम भेजी गई थी। जिन्होंने महिलाओं का हालचाल जाना।
टॉर्च की रोशनी में प्रसव की जांच करने कोंच पहुंचे एसीएमओ
बोले सीएमओ, टॉर्च की रोशनी की बात गलत, इन्वर्टर की रोशनी में हुए प्रसव
संवाद न्यूज एजेंसी
कोंच। कोंच सीएचसी में टॉर्च की रोशनी में दो महिलाओं के प्रसव कराने के मामले की जांच के लिए सोमवार को एसीएमओ ने कोंच सीएचसी जाकर इस बारे में जानकारी भी की है। उधर सीएमओ डॉ. एनडी शर्मा ने टॉर्च की रोशनी में प्रसव कराए जाने से इंकार करते हुए कहा कि उन्हें सीएचसी अधीक्षक से जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक हालांकि बिजली नहीं आने के कारण अस्पताल के कॉरिडोर में जरूर अंधेरा था लेकिन लेवर रूम में इनवर्टर की रोशनी में प्रसव कराए गए थे और इसके बाद जेनरेटर भी चलवा दिया गया था। इस संबंध में उन्होंने चिकित्सा अधीक्षक से लिखित आख्या भी मांगी है। जो जरूरी यूनिट्स हैं उनमें लाइट जाने की स्थिति में इन्वर्टर और जेनरेटर की व्यवस्था रहती है।
लाइट नहीं होने की दशा में मोबाइल या टॉर्च की रोशनी में प्रसव कराना कतई स्वीकार्य नहीं है। हर जगह जेनरेटर है, डीजल के लिए रोगी कल्याण समिति से पैसे की व्यवस्था है। प्रसूताओं और उनके साथ आने वाली अटेंडेंट से भी बात की जाएगी। अगर कहीं कोई चूक है तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।