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(उरईजालौन)  दिनांक 27/09/2025 जालौन उप कृषि निदेशक एस०के० उत्तम ने बताया कि भारत सरकार के निर्देशानुसार एवं मार्गदर्शन में एग्रीस्टैक योजना के अंतर्गत प्रदेश के कृषकों के गाटों / प्रक्षेत्रों का ई-खसरा पड़ताल एवं किसान रजिस्ट्री (फार्मर आई०डी०) बनाये जाने का कार्य कृषि विभाग / राजस्व विभाग एवं कॉमन सर्विस सेन्टर (CSC) की सक्रिय भागीदारी से किया जा रहा है।
संज्ञान में आया है कि कतिपय सी०एस०सी०/ जनसुविधा केन्द्र और सम्बद्ध एजेंसियां, भौतिक / ऑफ लाइन मोड में “किसान पहचान पत्र” जारी कर रही हैं। यह न केवल नियम विरूद्ध है अपितु अवैधानिक है। कृषि विभाग, उ०प्र० यह स्पष्ट करना चाहता है कि एग्रीस्टैक योजना के अंतर्गत किसी भी प्रकार के भौतिक / ऑफलाइन मोड में “किसान पहचान पत्र” को जारी नहीं किया जाता है। कतिपय अवांछनीय तत्वों द्वारा कृषकों को भ्रमित करने हेतु इस प्रकार के कृत्य किये जा रहे है।
इस सन्दर्भ में यह स्पष्ट किया जाता है कि प्रदेश के समस्त सी०एस०सी०/जनसुविधा केन्द्र एवं उनके सहयोगी एजेन्सियाँ ऑफलाइन मोड में किसी भी प्रकार के “किसान पहचान पत्र” (फार्मर आई०डी०) या उनकी फोटो कॉपी न छापे, न प्रसारित करें और न ही वितरण करें। कृषक भाईयों को सलाह दी जाती है कि यदि किसी प्रकार का प्रकरण कहीं भी संज्ञान में आता है तो उक्त विषयक जानकारी कृपया तत्काल अपने जनपद के कृषि विभाग / राजस्व विभाग के अधिकारियों को उपलब्ध करायें तथा टोल-फ्री नं०-0522-2317003 पर भी सूचित करने का कष्ट करें।

By Parvat Singh Badal (Bureau Chief Jalaun)✍️

A2Z NEWS UP Parvat singh badal (Bureau Chief) Jalaun ✍🏻 खबर वहीं जों सत्य हो

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