उरई। डीएम राजेश कुमार पांडेय ने कहा कि 23 नवंबर से टीबी रोगियों की खोज के लिए शुरू होने वाले एक्टिव केस फाइंडिंग (एसीएफ) अभियान में किसी तरह की लापरवाही न बरती जाए।

जिला टीबी फोरम की बैठक में डीएम ने कहा कि अभियान के दौरान कुल आबादी की 20 फीसदी आबादी की स्क्रीनिंग होगी। इसमें संवेदनशील इलाकों को चिह्नित कर लक्षण युक्त लोगों की जांच की जाएगी। आवासीय परिसरों में भी टीबी रोगियों की खोज के लिए टीमें पहुंचेगी। उन्होंने अभियान में चिह्नित किए गए व्यक्तियों को इलाज के साथ उनकी लगातार मानीटरिंग करने और विभाग द्वारा दिए जा रहे पोषण राशि को भी समय से देने के निर्देश दिए।

सीएमओ डॉ. एनडी शर्मा ने कहा कि अभियान का माइक्रोप्लान तैयार कर लिया गया है। संवेदनशील क्षेत्रों में 23 नवंबर से पांच दिसंबर तक अभियान चलेगा। इसमें जनपद की करीब 3.81 लाख आबादी की स्क्रीनिंग की जाएगी। इसके लिए 125 टीमें बनाई गईं हैं। डीटीओ डॉ. डीके भिटौरिया ने बताया कि 23 नवंबर से पांच दिसंबर (10 कार्य दिवस) तक चलने वाले अभियान में स्वास्थ्यकर्मी घर-घर जाकर टीबी रोगियों को खोजेंगे। जांच के बाद टीबी की पुष्टि होने पर 48 घंटे के भीतर उनका इलाज शुरू कर दिया जाएगा।

अभियान के दौरान अनाथालय, वृद्धाश्रम, नारी निकेतन, मदरसा, बाल संरक्षण गृह व छात्रावास आदि परिसरों में शिविर आयोजित कर टीबी के प्रति संवेदीकरण किया जाएगा। संवेदनशील क्षेत्रों की घनी बस्ती, स्लिम एरिया को कवर करते हुए जनपद की 20 फीसदी आबादी की स्क्रीनिंग की जाएगी।

बताया कि इस समय 2,302 रोगियों का उपचार चल रहा है। इस साल 52.51 लाख रुपये निक्षय पोषण योजना के तहत क्षय रोगियों को दिए जा चुके हैं। बैठक में सीडीओ भीमजी उपाध्याय, सुधीर कुमार मिश्रा, डॉ. संजीव गुप्ता, डब्लूएचओ सलाहकार एजिल अरासन, डॉ. कुलदीप, नुरुल हुदा, आलोक मिश्रा, सत्यम मिश्रा, राहुल समाधिया व राममोहन चतुर्वेदी आदि मौजूद रहे।



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *