उरई। शहर को गंदगी से निजात के लिए 350 करोड़ रुपये की योजना जल निगम ने तैयार की है। इससे शहर में सीवर लाइन व ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जाएगा। योजना स्वीकृति के लिए शासन को भेजी गई है।

नगर में 10 किलोमीटर की सीवर लाइन पड़ी है। इसमें 382 कनेक्शन भी लोगों ने लिए हैं। सीवर लाइन में आने वाली गंदगी सीधे नाले में डाली जा रही है। जबकि नियमों के अनुसार इस गंदगी को पहले सीवरेज प्लांट में ट्रीटमेंट होना चाहिए ताकि इसमें मौजूद सभी दूषित कीटाणु को नष्ट किया जा सके।

अब इस समस्या से निजात मिलने वाली है। जल निगम इसके लिए 350 करोड़ रुपये का प्रस्ताव शासन को भेजा है। जिसमें पूरे शहर में सीवर लाइन डाली जाएगी। करीब 200 किलोमीटर सीवर लाइन डाली जाएगी। सीवर लाइन से निकलने वाली गंदगी को सीधे नाले नदियों में नहीं फेंका जाएगा। इसके लिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट भी लगाया जाएगा। जिसकी क्षमता 30 एमएलडी होगी। प्रस्ताव भेजने के समय चौरसी के पास ट्रीटमेंट प्लांट बनाने के लिए जमीन भी देख ली गई। इंतजार सिर्फ प्रस्ताव पास होने का है। (संवाद)

कई मोहल्लों की मिलेगी गंदगी से निजात

उमरारखेरा, राजेंद्रनगर, सुशीलनगर,करमेर रोड, इंदिरानगर, शांतिनगर, पटेलनगर सहित कई मोहल्लों में सड़कों नालियों के बाहर घरों का गंदा पानी व मलबा बहता है। स्थानीय लोगों को लंबे समय से समस्या से निजात नहीं मिल पा रही है। ट्रीटमेंट प्लांट होने से नाले, नदियां भी सुरक्षित रहेंगी।

पालिका भी कर रही लापरवाही

नगर पालिका के पास घर का सेफ्टी टैंक, सीवर टैंक, फैक्टरी टैंक, गड्ढों की सफाई के लिए दो सीवर सेक्शन मशीन है। जिससे हर मशीन नगर के 18 से 20 टैंक साफ किए जाते हैं। 1500 रुपये फीस भी पालिका लोगों से लेती है। मशीन टैंक का मलबा निकालकर चोक टैंक को खोल देती है। इस मलबे को खाली खेत या नाले में फेंक देती है। जबकि इसे कहीं दबाना चाहिए या फिर इसका भी ट्रीटमेंट होना चाहिए। ऐसा नहीं होता है।

योजना बनाकर प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है। अमृत योजना के तहत प्रस्ताव भेजा गया है। प्रस्ताव पास होने पर नगर में सीवर की समस्या दूर करने का काम युद्धस्तर पर काम किया जाएगा।

हिमांशु नेगी,अधिशासी अभिंयता,जल निगम



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