संवाद न्यूज एजेंसी
उरई।
भीषण गर्मी ने तापमान बढ़ाने के साथ लोगों को घर में कैद कर दिया। भीषण गर्मी व झुलसा देने वाली चिलचिलाती धूप से लोग परेशान हो रहे हैं। मंगलवार को अधिकतम तापमान 45 डिग्री रहा। लगातार पड़ रही गर्मी से लोग परेशान हैं।
मंगलवार दोपहर दो बजे के करीब धूप की वजह से शहर की ज्यादातर सड़कें सूनी रही। धूप में निकलने की बजाए लोग दुकानों और घरों में रहना सुरक्षित महसूस कर रहे हैं। जून के मध्य में गर्मी अपने पूरे चरम पर है। आम तौर पर इन्हीं दिनों तापमान बढ़कर 40 और 42 डिग्री तक पहुंच जाता था, लेकिन इस बार पारा 45 से ऊपर पहुंच चुका है। तीन दिन से तापमान लगातार घट-बढ़ रहा है। सोमवार को तापमान 43 डिग्री सेल्सियस था तो मंगलवार को 45 डिग्री रहा।
दो पहिया हो या अन्य खुले वाहन, इन पर यात्रा के दौरान शरीर पर गर्म हवाएं चुभती हैं। गर्मी की वजह से शीतल पेय की खपत बढ़ गई है। लू गर्मी और धूप की वजह से लोग पना, गन्ने का जूस आदि की दुकानाें पर खड़े होकर गले को तर करते दिखे। जिला अस्पताल के डॉक्टर गोपालकृष्ण सोनी ने लोगों लोगों को घर में रहने की सलाह दी है। मौसम विभाग के अनुसार अभी गर्मी से राहत मिलने वाली नहीं है।
दिनांक अधिकतम न्यूनतम
9 जून 40 29
10 जून 43 31
11 जून 43 31
12 जून 43 33
13 जून 44 33
गर्मी बढ़ने के साथ बढ़े उल्टी-दस्त के मरीज
फोटो-19-कालपी सीएचसी में भर्ती उल्टी दस्त के मरीज।
कालपी।
क्षेत्र में विगत तीन दिनों से हीट वेव जारी है। जिसके चलते अस्पतालों में मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। डाक्टरों ने लोगों को धूप से सीधे संपर्क में न आने के साथ ही शरीर में पानी की कमी न होने देने की सलाह दी है। इस बार मई माह गर्मी के लिहाज से सामान्य रहा। जबकि जून के माह में कुछ दिन जाते ही गर्मी पूरे शबाब पर पहुंच गई है। हीट वेव का असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ने लगा है। निजी अस्पताल से लेकर सरकारी अस्पतालों में बुखार, उल्टी, दस्त के मरीज भरे पड़े हैं। मंगलवार को ज्योति निवासी मनीगंज, हरिओम निवासी रामचबूतरा, हार्दिक शुक्ला निवासी उसरगांव आदिल निवासी मिर्जामंडी, निधि निवासी रामगंज, पूजा विश्वकर्मा निवासी कागजीपुरा, अल्पेश हीट वेव का शिकार होकर अस्पताल में भर्ती हैं।
शरीर गर्म होने तथा मुंह सूखने पर मरीज पानी का सेवन अधिक करें। डाक्टर से संपर्क करें। बाहर कम ही निकलें। जब बाहर जाना हो तो शरीर को पूरी तरह से ढककर निकलें। अस्पताल में सभी को अलर्ट पर रखा है। – डॉ. विशाल सचान, चिकित्सक, सीएचसी