
पर्वत सिंह बादल उरई (ब्यूरो चीफ जालौन)✍️ (उरईजालौन)उरई: जनपद जालौन में आज राज्यमंत्री, गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग विभाग, उ०प्र० संजय सिंह गंगवार जी ने विकास भवन के रानी लक्ष्मीबाई सभागार में प्रदेश सरकार के ‘सेवा, सुरक्षा व सुशासन’ की नीति के आठ वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के विजन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के मिशन को आत्मसात करते हुए वर्ष 2017 में डबल इंजन की सरकार ने सुरक्षा, सुशासन और विकास की जिस यात्रा को प्रारंभ किया था, वह आज ‘नए भारत के नए उत्तर प्रदेश’ के रूप में पूरे देश के समक्ष एक मॉडल के रूप में प्रस्तुत हुई है। आप सभी इसके साक्षी और सहभागी रहे हैं।हमारी नीतियों के प्रति जिस प्रकार जनता ने अपना सहयोग और समर्थन दिया है, उससे यह विश्वास और दृढ़ हो चला है कि स्पष्ट नीति, साफ नीयत, प्रतिबद्धतापूर्ण नियोजन के सद्प्रयास सुफलित अवश्य होते हैं। उत्तर प्रदेश के ट्रांसफॉर्मेशन की चर्चा आज राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय मंचों पर हो रही है। इस सकारात्मक बदलाव के पीछे ‘ट्रिपल सी’ यानी कल्चर, कनेक्टिविटी और कॉमर्स का मंत्र है। कानून व्यवस्था में सुधार आम जन को सम्मानजनक जीवन को गारंटी देता है, साथ ही छोटे- बड़े हर निवेशक- हर व्यापारी को निवेश की सुरक्षा की गारंटी सुनिश्चित करवाता है।बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर भी आम जनों के जीवन को बेहतर बनाने के साथ ही निवेशकों को कम लागत अधिक उत्पादन और बेहतर रिजल्ट की गारंटी देता है। ये दोनों पक्ष मिलकर पूरे प्रदेश के सामाजिक और आर्थिक परिवेश में क्रांतिकारी बदलाव ला रहे हैं।जिसमें उत्तरप्रदेश को आर्थिकविकास में ऊंचे पायपदान पर पहुंचाया है। डबल इंजन सरकार ने GYAN के मूलमेल के महत्व को समझते हुये इसके सभी पक्षों को अपनी नीतियों के केंद्र में रखा है। वंचित को वरीयता को मूल मंत्र मानकर सरकार ने विगत 08 वर्षों में 6 करोड़ से अधिक लोगों को गरीबी रेखा से ऊपर उठाने में सफलता प्राप्त की है। प्रदेश के 15 करोड़ निर्धनों को प्रतिमाह निःशुल्क अनाज, 1.86 करोड़ से अधिक परिवारों को निःशुल्क गैस कनेक्शन, 2.86 करोड़ से अधिक किसानों को किसान सम्मान निधि का लाभ, 9 करोड़ लाभार्थियों को 25 लाख तक का चिकित्सा सुरक्षा कवच, 56.50 लाख से अधिक परिवारों को निःशुल्क आवास, 01 करोड़ से अधिक वृद्धावस्था/निराश्रित महिला / दिव्यांगजन की पेंशन राशि को 300 रूपये महीने से बढ़ाकर आज 1000 रूपये प्रतिमाह तक किया गया है। DBT से भुगतान हो रहा। मात्र एक वर्ष 2024-25 में DBT से 09 करोड़ 08 लाख से अधिक लोगों को 01 लाख 11 हजार 637 करोड़ रुपये से भुगतान किया गया। DBT ट्रांजेक्शन के कारण 10 हजार करोड़ की बचत अनुमानित है। इससे व्यवस्था में पहले व्याप्त रहा, लीकेज तो समाप्त हुआ ही है, ईज ऑफ लिविंग का संकल्प भी पूरा हो रहा है। अभी हमने जीरो पॉवर्टी मिशन को प्रारम्भ किया है। अगले वर्ष जब हम फिर यहां उपस्थित होंगे, तब आपको इस मिशन की सफलता से भलीभांति परिचित होंगे। इसी प्रकार 10 लाख नए उद्यमियों के सूजन के लिए मुख्यमंत्री उद्यमी विकास अभियान प्रारम्भ किया गया है। 08 वर्षों में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, फसल बीमा योजना, किसान मानधन योजना, निःशुल्क सिचाई, स्वायल टेस्टिंग, सिचाई का रकबा बढ़ा, गन्ना मूल्य का समयबद्ध भुगतान, बिचौलियों से आजादी, MSP पर खरीद, नवाचार को प्रोत्साहन, खाद- बीज के पर्याप्त इंतजाम, जैसे अनेक कार्यों ने कृषि सेक्टर की तस्वीर बदल कर रख दी है। कृषि विकास दर 2016-17 में 5.1% 2023-24 में 13.7% वर्तमान में राज्य की GDP में 28 प्रतिशत का योगदान। पहली कैबिनेट का पहला निर्णय 36, 359 करोड़ रूपये से 94 लाख लघु एवं सीमान्त किसानों की कर्जमाफी। पहला बजट किसानों को समर्पित। खाद्यान्न उत्पादनः- वर्ष 2016-2017 में मात्न 557.46 लाख मीट्रिक टन वर्ष 2023-24 में 668.39 लाख मीट्रिक टन। (20% वृद्धि) प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजनाः 2.86 करोड़ कृषकों को 80 हजार करोड़ से अधिक की धनराशि DBT के माध्यम से उनके खातों में हस्तान्तरित की गई है। सिचन क्षमताः 2017 तक कुल सिचन क्षमता 82. 58 लाख हेक्टेयर 08 वर्षों में 976 की परियोजनाएं पूर्ण कराते हुए 48.32 लाख हेक्टेयर सिचन क्षमता बढ़ाई गई । वर्तमान में 131 लाख हेक्टेयर। रिकार्ड गन्ना मूल्य भुगतानः- 2017 से अब तक 2 लाख 80 हजार 223 करोड़ का गन्ना मूल्य भुगतान किया गया, जो पिछले 22 वर्षों में हुए कुल भुगतान से भी 66,703 करोड़ अधिक है। चीनी मिलें:- वर्तमान में 122 चीनी मिलें क्रियाशील। 03 नई चीनी मिलों की स्थापना, 06 चीनी मिलों का पुर्नसंचालन तथा 38 चीनी मिलों का क्षमता विस्तार हुआ है, जिससे लगभग 1.25 लाख लोगों को प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्राप्त हुआ है।प्रदेश में वर्ष 2017 तक एथेनॉल का कुल उत्पादन 42 करोड़ लीटर था जो सत्न 2023-24 में बढ़कर 177 करोड़ लीटर हो गया है। देश में प्रथम। 2012 से 2017 के बीचः 94.38 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद कर 12, 808 करोड़ रूपये का भुगतान। 2017-18 से 2024-25 के बीच: 233.99 लाख मीट्रिक टन (लगभग ढाई गुना धान) खरीद कर 43 हजार 424 करोड़ से अधिक का (साढ़े तीन गुना) भुगतान। 2012 से 2017 के बीच:- 123.61 लाख मीट्रिक टन धान खरीद कर 17 हजार 190 करोड़ रूपये का भुगतान।2017-18 से 2024-25 के बीच:- 456.86 लाख मीट्रिक टन (तीन गुने से अधिक) धान खरीद कर 88 हजार 746 करोड़ से अधिक (पांच गुने से अधिक) का भुगतान। प्रति वर्ष 400 लाख टन फल एवं सब्जियों का उत्पादन करते हुए देश में प्रथम स्थान। पीएम-कुसुम योजना के अन्तर्गत वैकल्पिक ऊर्जा के उपयोग हेतु वर्ष 2024 में 22 हजार 89 सोलर पम्पों की स्थापना कराई गई है। बाढ़ सुरक्षा हेतु अब तक कुल 1551 बाढ़ परियोजनाएं पूर्ण करते हुए 32.87 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि का बचाव। मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना में बटाईदारों को भी लाभ मिल रहा है। लगभग 12 लाख 50 हजार गो-वंश कुल 7713 गोआश्रय स्थलों में संरक्षित हैं।निराश्रित गोवंश सहभागिता योजना अन्तर्गत 1 लाख 5 हजार पशुपालकों को 1,63,000 गो-वंश सुपुर्द किये गये हैं। व्यवस्था एक मॉडल के रूप में प्रस्तुत हुई है। महिला सम्बन्धी अपराधों में संलिप्त अपराधियों को सजा दिलाने में उत्तर प्रदेश, देश में नम्बर एक राज्य है। एन.सी.आर.बी. के आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2016 की तुलना में अपराधों में प्रतिवर्ष उल्लेखनीय कमी आयी है जैसे-डकैती में 84.41 प्रतिशत, लूट में 77.43 प्रतिशत, हत्या में 41.01 प्रतिशत, बलवा की घटनाओं में 66.40 प्रतिशत, फिरौती के लिये अपहरण की घटनाओं में 54.72 प्रतिशत, दहेज हत्या में 17.08 प्रतिशत एवं बलात्कार की घटनाओं में 26.15 प्रतिशत की कमी आयी है। पुलिस सुधारः- लखनऊ, गौतमबुद्धनगर, कानपुर नगर, वाराणसी, आगरा, गाजियाबाद तथा प्रयागराज जनपदोंमें पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था। उत्तर प्रदेश स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स की 06 वाहिनियाँ गठित की गयी हैं। एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स का गठन। सभी 75 जिलों में साइबर सेल क्रियाशील। जिला स्तर पर संचालित साइबर सेल को थाने स्तर तक विस्तार। उ.प्र. राज्य फॉरेन्सिक विज्ञान संस्थान, लखनऊ की स्थापना। उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड द्वारा 2017 के उपरान्त 02 लाख 20 हजार विभिन्न पदों पर भर्ती तथा 1.49 लाख पदों पर प्रोन्नति प्रदान की गयी है। वर्ष 2017 की तुलना में वर्ष 2024 में अभूतपूर्व सुधार करते हुए यू०पी0-112 का रिस्पांस टाइम 25 मिनट 42 सेकेण्ड से 07 मिनट 24 सेकेण्ड कर दिया गया है। आपरेशन लिनेन के अंतर्गत अब तक 11 लाख से अधिक सीसीटीवी कैमरों का अधिष्ठापन सभी थानों में कर दिया गया है।आज गूगल पर एक्सप्रेसवे स्टेट सर्च करें तो उत्तर प्रदेश का नाम सामने आता है। 06 एक्सप्रेसवे संचालित हैं, 11 नये पर काम जारी। 2017 तक एक्सप्रेसवे की लंबाई 491 किलोमीटर थी, आज 1225 किलोमीटर। गंगा एक्सप्रेसवे बनने के बाद देश के कुल एक्सप्रेसवे में 55% की हिस्सेदारी हो जायेगी। 2017 के बाद 32 हजार किलोमीटर लम्बाई से अधिक मार्गों का नवनिर्माण तथा लगभग 25 हजार किमी लम्बाई में मार्गों का चौड़ीकरण/सुदृढ़ीकरण कराया जा चुका है। बीते 08 वर्षों में प्रदेश में 09 किलोमीटर प्रतिदिन के औसत की दर से मार्गों का चौड़ीकरण/सुदृढ़ीकरण एवं 11 किलोमीटर प्रतिदिन के औसत की दर से नव-निर्माण कराया जा रहा है। एयर कनेक्टिविटी:- आजादी के बाद से 2017 तक पूर्व माल 4 ऑपरेशनल एअरपोर्ट लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर एवं आगरा में थे। 08 वर्षों बाद आज 16 एयरपोर्ट संचालित हैं। 05 अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट हैं। जेवर एयरपोर्ट से हवाई उड़ान प्रारंभ होने ही वाली है। उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा एयर कार्गो हब बनने जा रहा है। वाटर वेजः- एक समय था कि जब जलमार्ग व्यापार और यातातात का बड़ा माध्यम था, आजादी के बाद इस दिशा में किसी ने ध्यान नहीं दिया। वर्तमान सरकार ने इनलैंड वॉटर वेज ऑथिरिटी बनाई। हल्दिया से वाराणसी तक जलमार्ग पुनः प्रारंभहुआ है, इसे प्रयागराज और फिर अयोध्या तक विस्तार देने का काम चल रहा है।जलमार्ग के पोटेंशियल को पहचान कर उत्तर प्रदेश ने लैंड लॉक्ड स्टेट की सीमाओं को भी पार कर लिया है। वाराणसी में मल्टी मोडल टर्मिनल का निर्माण कार्य पूर्ण। बेहतरीन इन्फ्रास्ट्रक्चर ने निवेशकों को आकर्षित किया तथा कम लागत और कम समय में उत्पादन की गारंटी भी दी। 2017 तक कुल 14 नगर निगम थे आज 17 नगर निगम गठित हैं, बीते 08 वर्षों में 125 नए नगरीय निकायों का गठन किया गया है। आज स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत सभी 17 नगर निगमों में 10 हजार 300 करोड़ से अधिक की 757 परियोजनाओं का कार्य प्रगति पर है। अब जिला मुख्यालयों के नगरीय निकायों को भी स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने की कार्ययोजना है। NCR की तर्ज पर SCR (स्टेट कैपिटल रीजन) का गठन किया गया है।मेट्रो:- 2017 तक आधी अधूरी लखनऊ मेट्रो सेवा थी, आज 06 नगरों में लखनऊ, कानपुर, आगरा, गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा में मेट्रो है, मेरठ से गाजियाबाद तक नमो भारत रैपिड रेल सेवा है। वाराणसी में रोपवे सेवा नगरीय परिवहन में शुरू होने वाली है, क्रांतिकारी बदलाव । विद्युतीकरण :- 70 वर्षों में कुल मिलाकर 1,28,494 मजरों तक बिजली पहुंचाई जा सकी थी, दिसंबर 2023 तक 2,49,818 मजरों तक बिजली आपूर्ति. (100% मजरे संतृप्त) वर्ष 2012-17 के बीच मान 8.44 लाख विद्युत कनेक्शन दिए गये थे। बीते 08 वर्षों में 165 लाख नए घरों में बिजली की रोशनी आई है। लगभग 20 गुना अधिक विद्युत आपूर्ति, आज ग्रामीण 20:35 घंटे, तहसील- 22:36 घंटे, जनपद- 24:00 घंटे आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है।कानपुर में 3×660 मेगावाट घाटमपुर तापीय परियोजना की प्रथम इकाई 12 दिसंबर 2024 को पूर्ण कर ली गयी है तथा द्वितीय एवं तृतीय इकाई से क्रमशः मई 2025 एवं अगस्त 2025 से उत्पादन प्रारम्भ हो जायेगा। 9,926 नये ट्रांसफार्मर की स्थापना तथा 28,602 ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि का कार्य भी पूर्ण होने की स्थिति में है। किसानों के हित में 1.88 लाख निजी नलकूपों का संयोजन किया गया। आजादी के बाद से वर्ष 2017 तक कुल स्थापित 288 मेगावॉट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाएं थी, जिसमें पिछले लगभग 08 वर्षों में 10 गुने की बढ़ोत्तरी हुई है।अक्षय ऊर्जा स्रोतों पर आधारित ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ाने का सरकार का विशेष लक्ष्य है, जिसमें अब तक 2,653 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा आधारित परियोजनाएँ विकसित की जा चुकी हैं। 508 मेगावाट क्षमता की सोलर रूफटॉप परियोजनाओं की स्थापना की गयी है। बुन्देलखण्ड क्षेल में ग्रीन एनर्जी कॉरीडोर के अंतर्गत 4,000 मेगावाट के सोलर पार्क की स्थापना की जा रही है। सौर ऊर्जा नीति-2022 में 05 वर्षों में कुल 22 हजार मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। रिफॉर्म, परफॉर्म, ट्रांसफॉर्म का मंत्र, 33 सेक्टोरल पॉलिसीज लागू, सिगल विडो सिस्टम निवेश सारथी पोर्टल बनाया गया। कानून व्यवस्था सुदृढ़ हुई, संसाधन बेहतर किये गये फलस्वरूप निवेशकों का भरोसा लौटा। आज ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में उत्तर प्रदेश अचीवर स्टेट। देश का बेस्ट निवेश गंतव्य दुनिया भर के निवेशकों की भारत में पहली पसंद उत्तर प्रदेश। बड़े उद्योगों के विकास के लिए आवश्यक MSME सेक्टर के लिए अलग से नीति लागू की गई। 96 लाख MSME इकाइयों के साथ देश का सबसे बड़ा MSME बेस बेरोजगारी दर फरवरी, 2016 में 18 प्रतिशत थी। वर्तमान में 3 प्रतिशत है। निष्पक्ष एवं पारदर्शी प्रक्रिया के अन्तर्गत विभिन्न आयोगों एवं भर्ती बोर्ड द्वारा 8.5 लाख से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी। संविदा पर साढ़े 03 लाख से अधिक नियुक्ति। 1.38 लाख से अधिक महिलाओं को सरकारी नौकरी। ओ.डी.ओ.पी. वित्त पोषण योजनान्तर्गत दिसम्बर, 2024 तक 17,041 लाभार्थियों को लाभान्वित कराते हुए रुपये 72,744 लाख मार्जिन मनी वितरित। 2,54,887 व्यक्तियों को रोजगार उपलब्ध। मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के अंतर्गत दिसम्बर, 2024 तक 28,419 लाभार्थियों को लाभान्वित कराते हुए रु० 81,965 लाख की मार्जिन मनी वितरित तथा 2,27,352 व्यक्तियों को रोजगार उपलब्ध कराया गया। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम में 29,296 लाभार्थियों को 81,183 लाख मार्जिन मनी वितरित । 2,34,368 व्यक्तियों को रोजगार उपलब्ध। विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना में 3,68,076 लाभार्थी लाभान्वित। उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग का गठन एवं संचालन। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 में प्राप्त निवेश प्रस्तावों से 1 करोड़ 10 लाख से अधिक युवाओं के लिए रोज़गार व सेवायोजन के अवसर।एम.एस.एम.ई. क्षेत्र में 1.65 करोड़ लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया। स्वामी विवेकानन्द युवा सशक्तीकरण योजना में 49.86 लाख टैबलेट / स्मार्टफोन का वितरण। 2 करोड़ युवाओं को लाभान्वित करने का लक्ष्य।मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना में 01 लाख से अधिक युवाओं का उद्योगों एवं अधिष्ठानों में पंजीकरण एवं प्रशिक्षण।आई.टी.आई व कौशल विकास मिशन में 25 लाख से अधिक युवा विभिन्न ट्रेड्स में प्रशिक्षित। 10.20 लाख से अधिक युवाओं को रोज़गार। वर्ष 2017 की तुलना में वर्ष 2024 तक एईएस रोगियों की मृत्यु में 85 प्रतिशत व जेई रोगियों की मृत्यु में 99 प्रतिशत की कमी आई है। AES रोगियों की संख्या में 93% तथा JE रोगियों की संख्या में 98% की कमी आई है। 2017 की अपेक्षा डेंगू रोग से मृत्यु की दर में 94.5 प्रतिशत की कमी आयी है। 2017 की तुलना में 2024 में मलेरिया के कुल मामलों में 56 प्रतिशत की कमी आयी है। 80 मेडिकल कालेज (44 राज्य सरकार एवं 36 निजी क्षेत्न) हैं तथा 59 जनपद मेडिकल कालेजों की सुविधा से आच्छादित हैं। आयुष्मान भारत से 1.80 करोड़ परिवारों को लाभान्वित किया जा रहा है, 49 लाख परिवार मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान से आच्छादित हैं। आयुष्मान कार्ड बनाने के मामले में उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है। 181 मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेले आयोजित हुए हैं, 13.29 करोड़ रोगी लाभान्वित हुए। राजकीय क्षेल के अंतर्गत संचालित सरकारी मेडिकल कालेजों में वर्ष 2017 में मात्न 1,990 MBBS की सीटें थीं जिन्हें बढ़ाकर 5,250 किया है तथा निजी मेडिकल कालेजों/संस्थानों में सीटों की संख्या 2,550 को बढ़ाकर 6,550 किया गया है। राजकीय क्षेल के अंतर्गत PG सीटों की संख्या वर्ष 2017 में 741 थीं उसे बढ़ाकर 1,871 किया गया है और निजी क्षेत्र के मेडिकल कालेजों/संस्थानों में 2017 में सीटों की संख्या 480 थीं उसे बढ़ाकर 2,100 किया गया है। सरकारी मेडिकल कालेजों में सुपर स्पेशियलिटी सीटों की संख्या जो वर्ष 2017 में 120 थी, के सापेक्ष 250 हो गयी है। महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना। आयुष बोर्ड के गठन का निर्णय। प्रदेश के दूर दराज के मरीजों को विशेषज्ञ चिकित्सको द्वारा टेली कल्सल्टेशन की व्यवस्था। 90 लाख लोग लाभान्वित । ब्लाक स्तर पर 73 प्रकार की जाँच उपलब्ध कराने की व्यवस्था। सभी 75 जनपदों में निःशुल्क डायलिसिस की सुविधा। 2016 में लगभग 21 करोड़ पर्यटक, वर्ष 2024 में 66 करोड़ आये। श्री अयोध्या जी तीर्थ विकास परिषद्, श्री देवीपाटन तीर्थ विकास परिषद, उ.प्र. ब्रज तीर्थ विकास परिषद्, श्री विध्य धाम तीर्थ विकास परिषद्, श्री चित्रकूट धाम तीर्थ एवं नैमिषारण्य धाम तीर्थ विकास परिषद उ.प्र. श्री शुक्र तीर्थ विकास परिषद का गठन।श्रीकाशी विश्वनाथ धाम कॉरीडोर, श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण, अयोध्या दीपोत्सव, ब्रज रंगोत्सव, काशी की देव-दीपावली, नैमिष तीर्थ व शुक्र तीर्थ पुनरुद्धार, मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा का 100 साल बाद पुनः प्रतिष्ठापन, सोरों-सूकर क्षेल विकास आदि अद्भुत कार्य। रामायण परिपथ, बौद्ध परिपथ, आध्यात्मिक परिपथ, शक्तिपीठ परिपथ, कृष्ण/ब्रज सर्किट आदि पर्यटन सर्किट विकसित किये जा आरहे हैं। प्रयागराज-विध्याचल-काशी प्रयागराज-अयोध्या-गोरखपुर प्रयागराज-लखनऊ-नैमिषारण्य प्रयागराज-राजापुर-चित्रकूट प्रयागराज-मथुरा-वृन्दावन एवं शुकतीर्थ गलियारा आर्थिक परिवेश (देश का ग्रोथ इंजन), राजकोष खाली था, भ्रष्टाचार व्यवस्था का अंग था, उद्योगों का पलायन हो रहा था, औद्योगिक गतिविधियाँ लगभग शून्य थीं, किसान आत्महत्या को विवश था, बेटी और व्यापारी भयाक्रांत थे, कानून व्यवस्था ध्वस्त थी, माफियाराज हावी था। युवा सड़कों पर आंदोलनरत था। बदहाली और अव्यवस्था की इन स्थितियों के बीच जब सरकार बनी तो….. पहला निर्णय 36, 359 करोड़ रूपये से 94 लाख लघु एवं सीमान्त किसानों के ऋणमोचन का निर्णय लिया गया। दूसरा बड़ा निर्णय 15 लाख कर्मचारियों के हित में 7वें वेतनमान को लागू किया। जनता पर कर और कर्ज का अतिरिक्त बोझ डाले बिना लोक हित में यह निर्णय लिए गये। इसके लिए धन की व्यवस्था राज्य सरकार के विभिन्न आय के स्रोतों में लीकेज को रोक कर की गई जो पूर्ववर्ती सरकारों में नेताओं की जेब भरने का काम आते थे। 2018 में यूपी इन्वेस्टर समिट का आयोजन किया गया, 04 लाख 28 हजार करोड़ के निवेश प्राप्त हुए। इन्हें जमीन पर उतारने के लिए तीन ग्राउंड ब्रेकिग सेरेमनी आयोजित की गई। 2020 में कोविड का कालखंड भी आया, इस चुनौती का सफलतापूर्वक सामना करते हुए 2023 में ग्लोबल इन्वेस्टर समिट का आयोजन किया गया और 40 लाख करोड़ के निवेश प्राप्त हुये। इस आयोजन ने देश भर के निवेशकों सहित सभी का परसेप्शन उत्तर प्रदेश के प्रति बदल दिया। GSDP:- देश का सबसे बड़ा राज्य, सबसे अधिक संसाधन होने के बावजूद 1950 से 2017 तक प्रदेश की GSDP 12.75 लाख करोड़ तक पहुँच सकी। 2017 में जनता ने प्रधानमंत्री मोदी जी की नीतियों पर विश्वास जताया और आज 08 वर्षों में प्रदेश की GSDP दोगुना से अधिक होकर 2024-25 में 27.51 लाख करोड़ होने जा रही है। अब 2025-26 में 30.77 लाख करोड़ GSDP का लक्ष्य है। देश की GDP में 9.2% हिस्सेदारी के साथ उत्तर प्रदेश, देश के अंदर दूसरे स्थान पर है। वर्ष 2023-2024 में भारत देश की GDP की वृद्धि दर 9.6 प्रतिशत थी जबकि उत्तर प्रदेश की वृद्धि दर 11.6 प्रतिशत रही है।अमृतकाल में आयोजित यह महोत्सव, अर्थव्यवस्था के लिए भी ‘अमृत’ सिद्ध हुआ है। महाकुंभ से सामाजिक मजबूती तो मिली ही है, लोगों का आर्थिक सशक्तिकरण भी हुआ है। भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत जी ने कहा है कि सरकारी पूंजीगत खर्च में वृद्धि और महाकुंभ मेले के कारण उपभोग खर्च में तेज बढ़ोतरी की उम्मीद है। इससे भारत को चालू वित्त वर्ष में 6.5 फीसदी की विकास दर हासिल करने में मदद मिलेगी। महाकुम्भ 2025 से अर्थव्यवस्था को साढ़े 03 लाख करोड़ रूपये का लाभ मिलने का अनुमान है। इससे प्रयागराज व आसपास के जनपदों को प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष लाभ हुआ है। बीते 05 वर्ष से उत्तर प्रदेश रेवेन्यु सरप्लस स्टेट है। कर अपवंचन को रोका गया है। रेवेन्यू लीकेज को समाप्त किया गया है। डिजिटल मैकेनिज्म को अपनाया, जिससे ट्रांस्पैरेंसी बढ़ी। पहले यही पैसे विकास और वेलफेयर के काम नहीं आ पाते थे। आज पाई-पाई प्रदेश हित में उपयोग हो रही है और देश के अंदर सर्वश्रेष्ठ इन्फ्रास्ट्रक्चर देने में सफलता मिल रही है। बीते 08 वर्ष में एक भी नया टैक्स नहीं लगाया। प्रदेश में डीजल-पेट्रोल की दरें देश में सबसे कम हैं, बावजूद इसके उत्तर प्रदेश राजस्व सरप्लस स्टेट के रूप में समृद्धि के नए सोपान चढ़ता जा रहा है। प्रति व्यक्ति आय:- 70 वर्षों में प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय मात्र लगभग 46 हजार रुपये तक पहुँच सकी थी, मात्र 08 वर्षों में यह दुगुने से अधिक करने में सफलता मिली है। (प्लानिग विभाग के अनुमान) के अनुसार 1,24,000 रुपये आय बढ़ी, क्रय क्षमता बढ़ी तो लोगों ने सुविधाओं पर ज्यादा खर्च किया और उनके जीवनस्तर में सुधार आया। खर्च के कारण मांग बढ़ी, निवेश बढ़ा और फिर पूरा आर्थिक परिदृश्य बदल गया। FDI:- अप्रैल 2000 से जून 2017 तक 3,303 करोड़ रूपये अप्रैल, 2017 से सितम्बर, 2024 तक 14 हजार 8 करोड़ रूपये से अधिक, बैंकिग तंल अर्थव्यवस्था की रीढ़ होती है। यह निवेश और ऋण प्रदान करके अर्थव्यवस्था को रफ्तार प्रदान करता है। इस दृष्टि से उत्तर प्रदेश अग्रणी राज्य है।2016-17 में बैंकिग व्यवसाय 12.75 लाख करोड़ था, जो 2024-25 में लगभग 29 लाख 66 हजार करोड़ हो गया। (सवा दो गुने से ज्यादा) सीडी रेशियो:- 2016-17 में यह माल 46%। 2024 में बढ़कर 61% हो गया है। (नए वित्तीय वर्ष में 67 से 70% का लक्ष्य) बैंकों की 20416 शाखाओं, 4,00,932 बैंक मित्र एवं BC सखी, 18,747 एटीएम तथा 4,40,095 बैंकिग केन्द्रों के माध्यम से बैंकिग सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। वर्ष 2024-2025 में वार्षिक ऋण योजनान्तर्गत द्वितीय त्रैमास तक 2.50 लाख करोड़ रुपये का ऋण वितरण बैंकों के माध्यम से कराया गया है। बैंक व वित्तीय संस्थाओं से प्रोजेक्ट फाइनेंसिग के लिए फंड आकर्षित करने में 16.2% हिस्सेदारी के साथ उत्तर प्रदेश, देश में शीर्ष स्थान पर। (RBI बुलेटिन, अगस्त 2023) उत्तर प्रदेश की कुल 132 कम्पनियां केवल बॉम्बे स्टाक एक्सचेन्ज में पंजीकृत हैं, जिनका मार्केट कैपिटल 03 लाख 61 हजार 162 करोड़ से अधिक है। (स्रोतः सेबी), 2016-17 तक कुल 13, 809 फैक्ट्रियां पंजीकृत थीं, आज 26,987 हैं, 08 वर्ष में 13,178 फैक्ट्रियां बढ़ी हैं। बढ़ा हुआ बैंकिग व्यवसाय यह बताता है कि किस तरह प्रदेश में आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि हुई है। सभी पक्षों को दृष्टिगत रखते हुए बीते 08 वर्षों में उत्तर प्रदेश ने शून्य से शिखर तक की यात्ना। उत्तर प्रदेश वही है, लेकिन बीते 8 वर्षों परसेप्शन पूरी तरह से बदल चुका है। सुरक्षा, सुशासन, समृद्धि और सनातन संस्कृति के क्षेल में जो पहचान बनी है उसका एहसास उत्तर प्रदेश ही नहीं पूरा भारत कर रहा है। तब प्रदेश की पहचान पर संकट था, प्रश्न खड़े किये जाते थे. देश के विकास में बैरियर माना जाता था। आज कहाँ खड़ा है…..उत्तर प्रदेश नम्बर 01 है- उत्तर प्रदेश धार्मिक, आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक आयोजनों तथा पर्यटकों को आकर्षित करने में देश में शीर्ष स्थान पर है। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण एवं शहरी के अन्तर्गत आवास निर्माण में उत्तर प्रदेश, देश में प्रथम स्थान पर है।प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के क्रियान्वयन में उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना में 1.85 करोड़ निःशुल्क गैस कनेक्शन देने में उत्तर प्रदेश प्रथम। पी०एम० स्वनिधि योजना के अंतर्गत स्ट्रीट वेण्डर्स को सर्वाधिक ऋण देकर देश में प्रथम। अटल पेंशन योजना के अन्तर्गत पंजीकरण करने में उत्तर प्रदेश का देश में प्रथम स्थान।ग्रामीण स्वच्छ शौचालय निर्माण में उत्तर प्रदेश देश में प्रथम। महिलाओं के विरुद्ध अपराधों में सजा दिलाने में उत्तर प्रदेश देश में प्रथम। ईज ऑफ डुईंग बिजनेस में उत्तर प्रदेश अचीवर्स स्टेट। 96 लाख से अधिक सूक्ष्म, लघु तथा मध्यम उद्योगों की स्थापना कर उत्तर प्रदेश देश में प्रथम,प्रधानमंत्री जनधन योजना के अंतर्गत सम्पूर्ण वित्तीय समावेशन की संकल्पना के अनुरूप उत्तर प्रदेश 8.51 करोड़ खातों के साथ देश में प्रथम स्थान पर है। प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के अंतर्गत अब तक प्रदेश में 4.29 करोड़ नामांकन के साथ उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर है। प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के अंतर्गत अब तक प्रदेश में 1.39 करोड़ नामांकन के साथ उत्तर प्रदेश द्वितीय स्थान पर है। अटल पेंशन योजना के अन्तर्गत अब तक 75 लाख नामांकन के उत्कृष्ट प्रदर्शन के साथ उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर है। वर्ष 2024 में अयोध्या में आयोजित दीपोत्सव कार्यक्रम में 25,12,585 दीप जलाकर पुनः गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड में नाम दर्ज। कृषि निवेशों पर किसानों को देय अनुदान डी०बी०टी० के माध्यम से भुगतान करने वाला देश में उत्तर प्रदेश पहला राज्य बना।गन्ना एवं चीनी, खाद्यान्न, आम, दुग्ध, आलू, शीरा उत्पादन में उत्तर प्रदेश का देश में लगातार प्रथम स्थान। देश में एथेनॉल के उत्पादन व आपूर्ति करने में उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर है।ई-मार्केट प्लेस (जेम) के अन्तर्गत सर्वाधिक सरकारी क्रय करने वाला उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य बना। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन की कार्ययोजना विकसित करने में देश में उत्तर प्रदेश अग्रणी।कौशल विकास नीति को लागू करने वाला उत्तर प्रदेश प्रथम राज्य। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत 16 लाख से अधिक आवासों की स्वीकृति हो चुकी है जिसमें से 14.65 लाख से अधिक आवास पूर्ण व आवंटित किये जा चुके हैं।
प्रेसवार्ता के दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ० घनश्याम अनुरागी, जिलाध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी उर्विजा दीक्षित, विधायक सदर गौरीशंकर वर्मा, विधायक माधौगढ़ मूलचन्द्र निरंजन, मा० जलशक्तिमंत्री प्रतिनिधि अरविंद चौहान, जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय, पुलिस अधीक्षक डॉ० दुर्गेश कुमार, मुख्य विकास अधिकारी राजेन्द्र कुमार श्रीवास सहित मा० जनप्रतिनिधिगण, अधिकारीगण व प्रेसबन्धु मौजूद रहे।