
Jalaun उ०प्र० सरकार बाढ़ राहत कार्यों को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध जल शक्ति मंत्री ने किया हवाई सर्वेक्षण, राहत सामग्री वितरित
ByParvat Singh Badal (Bureau Chief Jalaun)✍️
पर्वत सिंह बादल उरई (ब्यूरो चीफ जालौन)✍️
(उरईजालौन) उरई: उत्तर प्रदेश सरकार बाढ़ जैसी आपदा की इस चुनौतीपूर्ण घड़ी में पूरी तरह सक्रिय है और मुख्यमंत्री जी स्वयं हालात की निगरानी कर रहे हैं। सरकार के निर्देश पर वरिष्ठ मंत्रियों और अधिकारियों को लगातार प्रभावित क्षेत्रों में भेजा जा रहा है, ताकि पीड़ितों को त्वरित राहत एवं सहायता उपलब्ध कराई जा सके।
इसी क्रम में प्रदेश के जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने जनपद के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया और ज़मीनी स्थिति का जायज़ा लिया। मंत्री जी ने सबसे पहले जालौन और कालपी तहसीलों के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई निरीक्षण किया, जिसके पश्चात उन्होंने रामपुरा विकासखंड के ग्राम भिटौरा और कंजौसा में पहुंचकर 180 बाढ़ पीड़ितों को सरकारी राहत किटों का वितरण किया। इन राहत किटों में दैनिक जीवन की आवश्यक वस्तुएं — चावल, आटा, दाल, आलू, तेल, नमक, मसाले, बिस्कुट, लाई, साबुन, सैनिटरी पैड, कपड़ा, बाल्टी, तिरपाल आदि — उपलब्ध कराई गईं, जिससे बाढ़ से प्रभावित परिवारों को तत्काल सहारा मिल सके। मा0 जल शक्ति मंत्री जी ने कहा कि मा0 मुख्यमंत्री जी के निर्देशानुसार सरकार बाढ़ पीड़ितों के साथ पूरी संवेदनशीलता के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष बुंदेलखंड में औसत से अधिक वर्षा होने के कारण यमुना, पहूज और सिंध नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ा, जिससे अनेक गांवों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई। हालांकि अब स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है और अगले दो दिनों में अधिकांश क्षेत्रों से पानी उतरने की संभावना है। सरकार द्वारा पहले से ही बाढ़ की संभावनाओं को देखते हुए समुचित तैयारियाँ की गई थीं। प्रभावित गांवों में राहत शिविर, विद्यालय और पंचायत भवनों को शरणस्थलों के रूप में चिह्नित किया गया है, जहां भोजन, रहने और चिकित्सा की पूर्ण व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। बीमारियों की आशंका को देखते हुए चिकित्सकों की टीमें सतत निगरानी में लगी हुई हैं।पशुधन की सुरक्षा के लिए चारा, टीकाकरण और चिकित्सकीय सेवाएं सुलभ कराई गई हैं। शहरी क्षेत्रों में जलभराव से निपटने के लिए पंपिंग सेटों के माध्यम से जलनिकासी का कार्य तेज़ी से चल रहा है। मंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार की नीति “कोई भी प्रभावित परिवार सहायता से वंचित न रहे” के सिद्धांत पर आधारित है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा बाढ़ प्रभावित लोगों के पुनर्वास और मुआवज़े की कार्यवाही भी प्रारंभ की जा चुकी है। जिन परिवारों को पहले से प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत आवास उपलब्ध हैं लेकिन वे पैतृक घरों में रहते थे और इस आपदा से प्रभावित हुए हैं, उनकी भी राहत के लिए विशेष योजना बनाई जा रही है।
जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय ने कहा कि प्रशासन लगातार राहत कार्यों में जुटा हुआ है। जिन क्षेत्रों में सड़क संपर्क नहीं है, वहां नावों के माध्यम से राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है। प्रशासनिक टीमें गांव-गांव जाकर स्थिति का आकलन कर रही हैं और जरूरतमंदों को समय पर सहायता दी जा रही है।
इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. घनश्याम अनुरागी, माधौगढ़ विधायक मूलचंद निरंजन, कालपी विधायक विनोद चतुर्वेदी, एमएलसी प्रतिनिधि आर.पी. निरंजन, पुलिस अधीक्षक डॉ. दुर्गेश कुमार, मुख्य विकास अधिकारी के.के. सिंह, अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) संजय कुमार सहित अनेक जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे।



