
सजेधजे रथ पर सवार होकर प्रभु श्रीराम जनकपुरी के लिए प्रस्थान किए। घरों की छत से भक्तों ने प्रभु पर फूल बरसाए। भक्ति ऐसी कि सभी के मुख पर सियापति रामचंद्र की जय, जय सियाराम के जयकारे लगाने लगे। मंच पर पहुंच प्रभु श्रीराम ने मिथिलावासियों को दर्शन दिए। महाराजा अग्रसेन सेवा सदन, कमला नगर से शाम को प्रभु श्रीराम रात को जनकपुरी मंच पर पहुंचे। उनके दर्शन करने के लिए सड़कों और घरों की छतों पर भक्त इंतजार कर रहे थे। जयकारों के साथ उन पर फूल बरसाए। प्रभु के दर्शनों की लोगों में अभिलाषा ऐसी कि जनकपुरी मंच तक पहुंचने में घंटों का समय लग गया। जगह-जगह उनकी आरती उतारने के लिए भक्त व्याकुल थे। मंच पर पहुंचते ही मिथिलावासियों के ललाट पर चमक बिखर गई। उत्साह से भक्त जयकारे लगाने लगे। यहां पर प्रभु ने सभी को दर्शन दिए। रात में जनकपुरी महोत्सव में भीड़ उमड़ पड़ी।