
संजीव जीवा।
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ताबड़तोड़ गोलियां मारकर गैंगस्टर संजीव को मौत के घाट उतारने वाला विजय यादव एक महीने से वारदात को अंजाम देने की तैयारी कर रहा था। उसने कोर्ट में जाकर रेकी भी की। ताकि अंदाजा लगा सके कि किस तरह से संजीव पर गोलियां बरसानी हैं। सूत्रों के मुताबिक शुरुआती जांच में इसका खुलासा हुआ है। इसकी पुष्टि के लिए उसकी कॉल डिटेल, सीसीटीवी कैमरे के फुटेज आदि खंगाले जा रहे हैं।
पुलिस की जांच में सामने आया था कि तीन साल से विजय मुंबई में रह रहा था। वह बीकॉम पास है। परिजनों को बताया था कि विजय एक निजी कंपनी में काम करता है। तीन महीने पहले वह जौनपुर से लौटा था। 11 मई से वह घर से निकला था, तब से परिवारीजनों के संपर्क में नहीं था। सूत्रों के मुताबिक, वह एक महीने से वारदात को अंजाम देने की तैयारी में जुटा था। साजिशकर्ता ने अपने गुर्गों के जरिये उसको ट्रेनिंग दिलाई। रिवाॅल्वर उपलब्ध कराई। इस दौरान वह कोर्ट परिसर भी गया। ताकि पता चल सके कि किस तरफ असलहा लेकर बचते हुए जाना है।
पिता से बोला था-लखनऊ में काम मिल गया
वारदात के बाद विजय के पिता सामने आए। उन्होंने बताया कि जब वह घर से जा रहा था तो उसने कहा था कि मुंबई में जिस कंपनी में वह काम करता था वहां पगार सही नहीं मिलती है। इसलिए नौकरी छोड़कर लखनऊ जा रहा है। वहां पर काम मिल गया है। दरअसल, उसे संजीव की हत्या करने की सुपारी मिली थी। सूत्रों ने बताया कि उसको मोटी रकम भी दी गई है। फिलहाल इससे संबंधित सुबूत जुटाए जाने बाकी हैं।
पंजाब से रिवाॅल्वर मुहैया कराने की आशंका
जिस रिवाॅल्वर से वारदात को अंजाम दिया गया उसकी पंजाब में काफी मांग है। सूत्रों के मुताबिक पंजाब के बड़े-बड़े गैंग भी इस रिवाॅल्वर का इस्तेमाल कर रहे हैं। उनमें से ही किसी के जरिये रिवाॅल्वर विजय तक पहुंचाई गई। इसलिए पुलिस पंजाब कनेक्शन की तलाश कर रही है। इसमें बड़े गैंगस्टर का नाम सामने आ सकता है।
कोई न कोई जरूर शामिल होगा
वारदात के पीछे मुख्य साजिशकर्ता है, लेकिन ये भी पूरी आशंका है कि विजय ही अकेला नहीं होगा, जिसको पूरी जिम्मेदारी सौंपी गई होगी। जानकारी के मुताबिक, साजिशकर्ता का बी-प्लान भी रहा होगा। अगर पहला प्लान नाकाम होता तो दूसरे प्लान के तहत वारदात को अंजाम दिया जाता।