आईजीआरएस पोर्टल पर प्राप्त शिकायतों के निस्तारण में अधिकारी भले ही अपनी पीठ थपथपाते हों लेकिन फीडबैक में इन दावों की हवा निकल जा रही है। जिले के आंकड़े देखें तो एक से 30 नवंबर तक 2013 फीडबैक में 682 में शिकायतकर्ता असंतुष्ट मिले हैं। इनमें 17 विभाग/अधिकारी तो ऐसे हैं, जिनका शत-प्रतिशत फीडबैक असंतोषजनक मिला है।
शिकायत निरस्तारण में 32वीं रैंक
जनपद को प्रदेश में 32वीं रैंक प्राप्त हुई है। राशन, पेंशन, शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, सड़क, पुलिस, राजस्व समेत विभिन्न विभागों से जुड़ी शिकायतें लोग आईजीआरएस पोर्टल पर करते हैं। शिकायत दर्ज होते ही संबंधित विभाग और अधिकारी को ऑनलाइन अग्रसारित हो जाती है, जिससे पारदर्शिता बनी रहती है और जवाबदेही तय होती है। आरजीआरएस (इंटीग्रेटेड ग्रीवेंस रिड्रेसल सिस्टम) पर दर्ज प्रत्येक शिकायत का निस्तारण तय समय सीमा में करना होता है। शिकायतकर्ता को मोबाइल और पोर्टल के जरिये शिकायत की स्थिति की जानकारी मिलती है। शिकायतों के निस्तारण की रिपोर्ट लगने के बाद शासन स्तर से फीडबैक लिया जाता है। नवंबर की रिपोर्ट देखें तो 33.38 फीसदी फीडबैक असंतोषजनक पाए गए हैं।
अधिकतर फीडबैक असंतोषजनक
जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी, अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खंड-प्रथम, डायट प्राचार्य, जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी, चिरगांव मंडी समिति सचिव, खंड शिक्षा अधिकारी चिरगांव, मोंठ मंडी समिति सचिव, जिला होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारी, मुख्य/वरिष्ठ कोषाधिकारी, क्षेत्रीय उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, सहायक आयुक्त खाद्य-द्वितीय, जिला समन्वयक झांसी, खंड विकास अधिकारी बंगरा, अधिशासी अभियंता जलकल, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के प्रधानाचार्य, पशु चिकित्सा अधिकारी चिरगांव, बाल विकास परियोजना अधिकारी बड़ागांव, सहायक निदेशक मत्स्य, खंड विकास अधिकारी चिरगांव और विद्युत नगरीय वितरण उपखंड मेडिकल झांसी के शत-प्रतिशत फीडबैक असंतोषजनक पाए गए हैं। वहीं, 34 विभाग ऐसे हैं जिनका 50 फीसदी से लेकर 88 प्रतिशत तक फीडबैक असंतोषजनक आया है। सिर्फ 27 विभाग ऐसे हैं, जिनका प्रदर्शन अच्छा रहा है। इनके सभी फीडबैक संतोषजनक पाए गए हैं।
शिकायतों के निस्तारण में सुधार लाएं : डीएम
कलक्ट्रेट में सोमवार को हुई बैठक में डीएम मृदुल चौधरी ने आईजीआरएस पोर्टल पर निस्तारित 682 शिकायतों का असंतोषजनक फीडबैक मिलने पर विभागीय अधिकारियों को निस्तारण में गुणवत्ता लाने के निर्देश दिए। कहा कि निर्देशों के बाद भी अधिकारी निस्तारित शिकायतों की गुणवत्ता परखने मौके पर अथवा शिकायतकर्ता से फीडबैक नहीं ले रहे हैं। तहसील स्तर पर भी आईजीआरएस की असंतोषजनक प्रगति पर नाराजगी जताई।
