पुलिस अभिरक्षा में युवक की निर्मम पिटाई के मामले में नवाबाद थाने में विवेचक एवं दरोगा अशोक कुमार, सिपाही आकाश सिंह, महिला सिपाही प्रीति विश्वकर्मा समेत पीड़िता के अज्ञात परिजनों के खिलाफ बीएनएस की गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई है। पाॅक्सो कोर्ट की ओर से आरोपियों के खिलाफ 15 नवंबर को प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश दिए गए थे।

विशेष न्यायाधीश पॉक्सो कोर्ट के पेशकार की ओर से दी गई तहरीर में बताया गया कि आरोपी लोकपाल सिंह निवासी पन्ना के खिलाफ ककरबई थाने में युवती को अगवा एवं उससे दुष्कर्म करने के आरोप में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। विवेचक अशोक सिंह ने दो सिपाहियों के साथ दिल्ली के आजाद नगर चौराहा से 16 सितंबर रात 10:30 बजे आरोपी की गिरफ्तारी दिखाई लेकिन जब लोकपाल को लाया गया तो वह बुरी तरह घायल था। वह चल भी नहीं पा रहा था। उसके आगे के दो दांत टूटे थे। जगह-जगह उसके शरीर में जले के निशान थे। मेडिकल परीक्षण कराने पर शरीर में 23 चोट मिली। कोर्ट ने इसे बेहद गंभीरता से लेते हुए विवेचक दरोगा समेत दोनों सिपाही एवं पीड़िता के परिजनों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश दिए थे।

अपनी कहानी में उलझ गई पुलिस

इस पूरे मामले में पुलिस अपनी गढ़ी हुई कहानी में ही उलझ गई। कोर्ट के सामने विवेचक अशोक कुमार ने बताया कि आरोपी को बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे के रास्ते लाया जा रहा था। लघुशंका आने पर लोकपाल को वाहन से उतारा गया। उसी दौरान अचानक दो ट्रक आ गए। इस वजह से सभी पुलिसकर्मी समेत लोकपाल सड़क पर गिर गए। लोकपाल को चोट आ गई। घायल लोकपाल को मेडिकल कॉलेज लेकर आए। इसके बाद उसे जेल में दाखिल कर दिया लेकिन कोर्ट में जिरह के दौरान पुलिस की यह कहानी टिक नहीं सकी। कोर्ट ने विवेचक से पूछा कि आखिर किस तरह हादसा हुआ कि एक आदमी को शरीर में 23 गंभीर चोट आई जबकि साथ में मौजूद किसी पुलिसकर्मी को खरोंच तक नहीं आई।

कोर्ट ने पुलिस अभिरक्षा में निर्मम पिटाई को अत्यंत गंभीर माना

पुलिस कर्मी अस्पताल में उपचार कराने संबंधी कागज भी नहीं दिखा सके। कोर्ट ने पूछा कि जिसके शरीर में गंभीर चोट थी उसे अस्पताल में भर्ती क्यूं नहीं कराया। इसका भी जवाब विवेचक समेत पुलिसकर्मी नहीं दे सके। छानबीन में यह तथ्य प्रकाश में आया कि लोकपाल की गिरफ्तारी के समय पीड़िता के परिजन निजी कार से दिल्ली में मौजूद थे। रास्ते में पीड़िता के परिजनों ने पुलिसकर्मियों के साथ मिलकर बुरी तरह पीटा। अंगुलियों के बीच रॉड गर्म करके जलाया गया। कोर्ट ने पुलिस अभिरक्षा में निर्मम पिटाई को अत्यंत गंभीर माना।



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

अभी अभी की खबरें