
सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
झांसी में विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) अंजना की अदालत ने आठ साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म का आरोप सिद्ध होने पर अभियुक्त को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। न्यायालय ने सात साल पुराने मामले में फैसला सुनाया। अभियुक्त पर अर्थदंड भी लगाया। विशेष लोक अभियोजक विजय सिंह कुशवाहा ने बताया कि एक महिला ने सदर बाजार थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिसमें बताया था कि एक अक्तूबर 2015 को उसकी आठ साल की बेटी स्कूल से घर लौट रही थी। इस बीच खिरकपट्टी सदर बाजार निवासी पंकज (32) ने उसे घर छोड़ने के बहाने बाइक पर बैठा लिया था।
युवक बेटी को अपने साथ रेलवे लाइन के पास झाड़ियों में ले गया था और वहां उसने दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था। इसके बाद वह पीड़िता को बाइक पर बैठाकर घर छोड़ गया था। पीड़िता ने तब घर में घटना की जानकारी नहीं दी थी। उसी दिन शाम को जब वह किसी काम से घर से बाहर निकली तो उसे युवक खड़ा नजर आया, जिसे देखकर वह घबराकर घर वापस भाग आई। इसके बाद पीड़िता ने परिजनों को घटना के बारे में बताया। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया था। न्यायालय ने पूरे मामले की सुनवाई के बाद अभितुक्त पंकज को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसके अलावा 60 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया।