एसआईआर की कवायद के दौरान ऐसे मतदाता जिनका नाम 2003 की वोटर लिस्ट में नहीं है, उन्हें 4 दिसंबर के बाद निर्वाचन आयोग की गाइडलाइन के अनुसार 13 दस्तावेजों में कोई एक दस्तावेज जमा कराना होगा।

8 लाख का हो चुका है डिजिटलाइजेशन

प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि जिन्हें 2003 की वोटर लिस्ट में अपना नाम नहीं मिल रहा है, वह मतगणना प्रपत्र के पहले कॉलम को भरकर बीएलओ को लौटा दें। जिला निर्वाचन अधिकारी मृदुल चौधरी ने दावा किया कि बृहस्पतिवार तक 8 लाख मतदाताओं के एसआईआर फार्म भरकर बीएलओ ने जमा कर उनका डिजिटलाइजेशन कर दिया है। जिले के 1577337 मतदाताओं को 1601 बीएलओ द्वारा मतगणना प्रपत्र घर-घर बांटे जा रहे हैं।

यह दे सकते हैं साक्ष्य के तौर पर

प्रशासन का दावा है कि सभी मतदाताओं को एसआईआर फार्म वितरित कर दिए गए हैं। वहीं, उन मतदाताओं को एक बार फिर प्रशासन साक्ष्य देने के लिए नोटिस जारी करेगा, जिनका नाम 2003 की वोटर लिस्ट में शामिल नहीं था। ऐसे मतदाताओं को निर्धारित 13 में से कोई एक साक्ष्य प्रस्तुत करना होगा, तभी उनका नाम नई वोटर लिस्ट में चढ़ाया जाएगा।

मतदाताओं में ऊहापोह

कई मतदाता ऐसे हैं जो इस बात से परेशान हैं कि उन्हें बीएलओ ने 2003 की वोटर लिस्ट उपलब्ध नहीं कराई। ऐसे में उनके पास जो जानकारी थी, उन्होंने भरकर बीएलओ के पास जमा करा दिया है। अब उन्हें खुद नहीं पता कि उनका नाम 2003 की वोटर लिस्ट में था या नहीं।

बीएलओ का करें सहयोग

उप जिला निर्वाचन अधिकारी शिव प्रताप शुक्ला ने कहा कि निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी सभी बीएलओ के कार्यों की समीक्षा करें। ऐसे बीएलओ जो शारीरिक रूप से कमजोर हैं, अस्वस्थ हैं या जिन्हें तकनीकी ज्ञान का अभाव है या जिनका भौगोलिक क्षेत्रफल अपेक्षाकृत बड़ा है या जो कार्य में पिछड़ गए हैं, उन सभी बीएलओ का पूर्ण सहयोग किया जाए। अनावश्यक दबाव न बनाया जाए।



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