चिरगांव ब्लॉक की सिमथरी ग्राम पंचायत में फर्जी सड़क निर्माण को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। हाल में हुई ऑडिट जांच में पता चला है कि पिछले साल मार्च महीने में 2.6 किलोमीटर लंबी जिस सड़क को लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) बनवा चुका था उसी सड़क पर मिट्टी भरवाने के नाम पर अधिकारियों और ठेकेदार की मिलीभगत से ग्राम पंचायत ने 11.67 लाख रुपये का भुगतान कर दिया। जांच रिपोर्ट में निर्माण की स्वीकृति, भुगतान प्रक्रिया और निगरानी तंत्र में गंभीर अनियमितताओं की ओर संकेत किया गया है। प्रयागराज से ऑडिट रिपोर्ट मिलने के बाद प्रशासन ने जांच के लिए टीम गठित कर दी है।

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ग्रामीणों ने की थी शिकायत

बता दें कि पीडब्ल्यूडी ने सिमथरी से मुस्तरा जाने वाली 2.6 किलोमीटर लंबी सड़क की निविदा 13 दिसंबर 2023 को मांगी थी। विभाग ने 14 मार्च 2024 को ठेकेदार से सड़क निर्माण का अनुबंध किया। उसने 9 से 10 मीटर चौड़ी सड़क पर मिट्टी बिछाने का काम उसी महीने में पूरा करा दिया। इधर ग्राम पंचायत सिमथरी ने भी उक्त सड़क पर कागजों में कार्य दर्शाते हुए ठेकेदार को भुगतान कर दिया। मामले की शिकायत ग्रामीण के द्वारा किए जाने के बाद डीएम ने उक्त मामले की जांच ऑडिट विभाग प्रयागराज से कराई। टीम ने उक्त प्रकरण की बिंदुवार जांच कर पूरी रिपोर्ट डीएम एवं पंचायत राज अधिकारी को भेज दी है। जांच रिपोर्ट में टीम ने ग्राम पंचायत सिमथरी के भुगतान को संदिग्ध माना है और 400-400 मीटर के तीन भाग में बांटकर एक ही तिथि (19 जून 2023) में प्रशासनिक, वित्तीय एवं तकनीकी स्वीकृति प्रदान किए जाने को अनियमितता बताया है।

इनका यह है कहना

झांसी के जिला पंचायती राज अधिकारी बालगोविंद श्रीवास्तव का कहना है कि एक दिन पहले ही प्रयागराज ऑडिट टीम की जांच रिपोर्ट मिली है। इसमें ग्राम पंचायत सिमथरी द्वारा किए गए 11.67 लाख रुपये के भुगतान को संदिग्ध माना गया है। इस मामले में विस्तृत जांच के लिए टीम गठित कर दी गई है। दोनों रिपोर्ट के आधार पर पंचायती राज एक्ट के तहत दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

 



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