हादसे में क्षतिग्रस्त कार की मरम्मत की राशि न देना बीमा कंपनी को भारी पड़ गया। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने डेढ़ साल पहले दो लाख सात हजार रुपये देने का आदेश दिया था लेकिन बीमा कंपनी ने राज्य आयोग में अपील की पर वहां से खारिज हो गई। अब बीमा कंपनी को मय ब्याज के यह राशि देनी होगी।

कानपुर रोड स्थित शिवाजी नगर की रहने वाली साधना पस्तोर ने 2020 में जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में वाद दायर किया था। बताया था कि हादसे में कार क्षतिग्रस्त हो गई। क्लेम के रूप में दो लाख 7 हजार रुपये की मांग की लेकिन यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी ने इसे नहीं दिया।

आयोग के अध्यक्ष अमर पाल सिंह व सदस्य देवेश अग्निहोत्री व शशिप्रभा जैन ने 12 जुलाई 2024 को आदेश दिया कि इंश्योरेंस कंपनी साधना को क्लेम के रूप में उक्त राशि अदा करे। इस निर्णय के 381 दिन बाद इंश्योरेंस कंपनी ने लखनऊ स्थित राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में अपील दायर की। जबकि अपील निर्णय के 45 दिन के अंदर करनी चाहिए थी। पूछे जाने पर कंपनी संतोषजनक जवाब नहीं दे सकी। लिहाजा पिछले दिनों अपील खारिज कर दी गई।

अधिवक्ता गणेश खरे ने आयोग के सामने मजबूती से पक्ष रखा था। अब बीमा कंपनी को क्लेम के रूप में घटना के दिन से मय ब्याज के यह राशि साधना को अदा करनी होगी।



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