
सांकेतिक तस्वीर।
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उम्मीद के मुताबिक सरसों पैदा न होने से दुखी होकर किसान की मां ने फांसी लगाकर जान दे दी। परिजनों का कहना है पिछली सीजन में करीब 10-12 बोरा सरसों हुई थी। लेकिन इस दफा सिर्फ 3 बोरा सरसों मिली। इससे परिवार समेत उसकी मां भी परेशान थी। बृहस्पतिवार रात उसने घर में जहर खा लिया। हालात बिगड़ने पर परिजन उसे लेकर अस्पताल पहुंचे। जहां शुक्रवार सुबह उसने दम तोड़ दिया। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया है।
मऊरानीपुर के मढ़ा गांव निवासी धीरेंद्र के पिता जग्गू की मौत करीब चार साल पहले हो गई थी। उसके बाद से धीरेंद्र खेती संभालता था। उसकी मां सीमा (49) भी उसकी मदद करती थीं। इस सीजन में उसने सरसों की बुवाई की। लेकिन मौसम खराब होने से पैदावार अच्छी नहीं हुई। पिछले दिनों कटाई करने पर महज तीन बोरा सरसों ही हाथ आई जबकि आम तौर पर 10-12 बोरा सरसों मिलती थी।
वहीं परिवार पर करीब चार लाख रुपये का कर्जा था। उसे उम्मीद थी कि फसल अच्छी होने पर यह कर्जा चुका सकेंगे। धीरेंद्र का कहना है उम्मीद के मुताबिक फसल न होने से मां सीमा परेशान रहने लगीं। बृहस्पतिवार को परिवार के लोग बाहर गए थे। उसी दौरान मां ने जहर खा लिया। रात में जब वह लौटकर आया तब मां सीमा अचेत होकर बिस्तर पर पड़ी थी। उन्हें मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। सुबह उन्होंने दम तोड़ दिया।