दो साल पहले महिला की हुई हत्या के मामले में न्यायालय ने पति को कठोर आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। उस पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। अपर सत्र न्यायाधीश क्रमांक-1 सुनील कुमार यादव की अदालत ने यह फैसला सुनाया। विवेचना में सामने आया था कि पति ने कुल्हाड़ी से वारदात को अंजाम दिया था।

28 जून 2023 की रात कर दी थी वारदात

अभियोजन पक्ष के अनुसार सदर बाजार निवासी पार्वती ने थाने में शिकायत की थी कि उसकी पुत्री नीतू की शादी 2012 में प्रेमगंज थाना सीपरी बाजार के रहने वाले सचिन वाल्मीकि से सामूहिक विवाह में हुई थी। नीतू मायके आकर शिकायत करती थी कि पति सचिन, जेठ रवि, जेठानी दीपमाला, सास उर्मिला उससे खुश नहीं हैं और परेशान करते हैं। मारपीट भी करते हैं। कई बार सदर बाजार में पंचायत भी हुई। बावजूद इसके वह बार-बार समझाकर बेटी को ससुराल भेजती रही। लेकिन 28 जून 2023 को नीतू के पति सचिन का उसके मोबाइल पर कॉल आया। उसने कहा कि करौंदी माता की सब लोग पूजा करने जा रहे हैं, नीतू को भेज दो। मां ने नीतू को ससुराल भेज दिया, लेकिन उसी रात मोबाइल पर फिर कॉल आया कि नीतू मर गई है।

पुलिस मौके से की थी खून से सनी कुल्हाड़ी बरामद

पार्वती और अन्य ने उसके घर जाकर देखा तो पाया कि नीतू की हत्या की गई है। पुलिस ने उसके कब्जे से खून से सनी कुल्हाड़ी भी बरामद की थी। न्यायालय में मां पार्वती व मृतका के भाई अंकित के बयान भी हुए। करीब एक साल पहले न्यायालय में चालान पेश किया गया था। बुधवार को अपर सत्र न्यायाधीश क्रमांक-1 की अदालत ने पति सचिन को दोषी मानते हुए उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई। वहीं सचिन के भाई रवि को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया।

जघन्य अपराध है, मिले कठोर सजा

सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता तेज सिंह गौर ने न्यायालय के सामने दलील दी कि पत्नी की हत्या करना जघन्य अपराध है। दोषी को कठोर सजा दी जानी चाहिए।



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