अपने बेटे के आत्महत्या मामले में गुहार लगाने एसएसपी कार्यालय पहुंचे बराठा गांव निवासी राम सिंह की हालत अचानक बिगड़ गई। वह चक्कर खाकर बेहोश हो गया। उसकी सांस आनी बंद हो गई थी। वहां तमाशबीनों की भीड़ जमा हो गई। उसी समय वहां मौजूद सिपाही अवध नरेश ने सीपीआर देकर उसकी जान बचाई। होश में आने के बाद उसे मेडिकल कॉलेज भेजा गया।

कुछ दिन पहले बेटे ने फंदा लगाकर की थी आत्महत्या

थाना बड़ागांव के बराठा निवासी हरकुंवर देवी ने बताया कि उसके इकलौते बेटे सुरेंद्र ने करगुवां में कुछ दिन पहले बहन के यहां जाकर फंदा लगाकर जान दे दी थी। उनका आरोप है कि सुरेंद्र अपनी पत्नी से परेशान रहता था। इस वजह से सुरेंद्र ने अपनी जान दे दी। शुक्रवार को सुरेंद्र के पिता राम सिंह, मां हर कुंवर, उसकी बहन रूबी समेत अन्य परिजन सुरेंद्र की पत्नी के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर एसएसपी कार्यालय पहुंचे थे। एसएसपी कार्यालय से निकलते समय ही अचानक राम सिंह को चक्कर आ गया।

तुरंत सीपीआर से बची जान

परिजनों ने बताया कि राम सिंह काफी बीमार रहते हैं। उनको दिल की बीमारी है। चक्कर आकर जमीन पर गिर पड़े। वहां ड्यूटी पर मौजूद सिपाही अवध नरेश भी पहुंच गया। उसने तुरंत सीपीआर दिया। कुछ देर बाद उसकी हालत में सुधार हुआ। जान बचने पर परिवार के लोगों ने सिपाही को धन्यवाद दिया।



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