बैंकों में साइबर ठगों के इस्तेमाल के लिए खोले गए 308 म्यूल खातों की झांसी में पहचान हुई है। इन खातों का इस्तेमाल साइबर जालसाज ठगी का पैसा रखने में करते थे। इन खातों को खोलने में बैंककर्मियों की सांठगांठ भी उजागर हुई। साइबर पुलिस की छानबीन में कोटेक महिंद्रा बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक एवं उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक में ये खाते पकड़े गए। इतनी बड़ी संख्या में इन खातों के सामने आने के बाद साइबर पुलिस तीनों बैंक के अधिकारी एवं कर्मचारियों के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज करा चुकी है।

इस साल हो चुका करीब दस करोड़ की रकम का साइबर फ्रॉड

साइबर फ्राड के मामले साल-दर साल बढ़ते जा रहे हैं। झांसी में ही रोजाना साइबर धोखाधड़ी क शिकार सामने आते हैं। पुलिस के अनुमान के मुताबिक इस साल करीब दस करोड़ रुपये की रकम साइबर जालसाज पार कर चुके हैं। साइबर माध्यम से पैसा उड़ाने के चलते जालसाजों को यह पैसा निकालने के लिए बैंक खातों की जरूरत पड़ती है। बैंक अधिकारी एवं कर्मचारियों को लालच देकर जालसाजों ने कई ऐसे खातों का संचालन हासिल कर लिया, जिसके जरिये वह आसानी से लेनदेन कर सकते हैं। इसके एवज में मुख्य खाताधारक को मामूली रकम दे दी जाती है। इस तरह के मामलों के सामने आने पर अक्तूबर में ऐसे बैंकों की पड़ताल शुरू कराई गई थी। गृह मंत्रालय, दूर संचार विभाग की मदद से टीम ने छानबीन शुरू की।

पड़ताल पर मामला हुआ उजागर

पड़ताल करने पर मालूम चला कि सिविल लाइंस, ग्वालियर रोड स्थित जीवन शाह के पास की कोटेक महिंद्रा बैंक में सबसे अधिक 177 म्यूल खाते मिले। सीपरी बाजार के सुभाष मार्केट स्थित इंडियन ओवरसीज बैंक में 70 एवं इलाइट चौराहा के पास स्थित उत्कर्ष स्माल फाइनेंस बैंक में 58 म्यूल खाते मिले। एक जनवरी से 31 अगस्त के बीच इन खातों को खोलकर ठगी हुई, इसमें बैंक अधिकारी एवं कर्मचारियों की मिलीभगत उजागर हुई है। सीओ (साइबर) रामवीर सिंह का कहना है कि अब इन बैंकों के किन-किन अधिकारी एवं कर्मचारियों की भूमिका रही है, उसकी छानबीन कराई जा रही है।



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