नगर निगम को केंद्रीय वित्त आयोग से मार्च में मिलने वाली किस्त का पैसा अब तक नहीं मिला है। अब दूसरी किस्त मिलने का भी समय आ गया है। बजट न होने से 10.82 करोड़ के काम फंसे हुए हैं। छह करोड़ से ज्यादा के 59 कामों का आगणन भी इसमें स्वीकृत है।

बजट न मिलने से हुई 35 करोड़ रुपये की उधारी

एक तरफ नगर निगम को बजट नहीं मिल रहा है। दूसरी तरफ, उस पर उधारी बढ़ती जा रही है। मौजूदा समय में लगभग 35 करोड़ रुपये की उधारी हो गई है। डोर-टू-डोर कूड़ा उठाने वाली कंपनी को ही लगभग 20 करोड़ रुपये का भुगतान करना है। इसके अलावा निर्माण कार्यों के भी कई करोड़ के कार्यों की फाइल अकाउंट में लंबित है। नगर निगम को इस साल मार्च में 15वें वित्त आयोग का लगभग 20 करोड़ रुपये मिलना था। अब दूसरी किस्त मिलने का भी नंबर आ गया है। बजट न मिलने से नगर निगम का कामकाज गड़बड़ा गया है।

प्रस्ताव की फाइलें डंप

बताया गया कि 60 वार्डों के अंतर्गत सड़क और नाली मरम्मत के 58 कार्यों का आगणन स्वीकृत हो चुका है। 9.85 किलोमीटर के इन कार्यों की कीमत 5.98 करोड़ रुपये है। इसके अलावा वार्डों में 3.89 किलोमीटर की 23 सड़कों का निर्माण का प्रस्ताव नगर निगम को मिला है। इस पर करीब 4.72 करोड़ रुपये खर्च होने हैं। वहीं, 200 मीटर का 12.67 लाख रुपये का नाला निर्माण भी स्वीकृत हो चुका है। चूंकि, अब नगर निगम के पास बजट ही नहीं है। ऐसे में इन कार्यों के प्रस्ताव की फाइलें डंप कर दी गई हैं।

पहले स्मार्ट सिटी लिमिटेड की तरफ से डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन करने वाली कंपनी को भुगतान होता था। ढाई साल से इसका भुगतान नगर निगम को करना पड़ रहा है। स्मार्ट सिटी लिमिटेड की परियोजनाओं को भी नगर निगम को हस्तांतरित नहीं किया गया है। ऐसे में इनसे आय बढ़ाने के प्रयास भी नहीं हो पा रहे हैं। केंद्रीय वित्त आयोग से जल्द किस्त मिलने की उम्मीद है। – बिहारी लाल आर्य, मेयर।



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