वार्ड 37 बाहर दतिया गेट द्वितीय में नई पाइप लाइन डाली नहीं गई है और पुरानी लाइन से बमुश्किल एक घंटे पानी आता है। अभी पिछले दस दिनों से स्थिति और भी खराब हो गई है। लोग हैंडपंप से पानी भरने के लिए मजबूर हैं।
वार्ड 37 बाहर दतिया गेट द्वितीय में नई पाइप लाइन डाली नहीं गई है और पुरानी लाइन से बमुश्किल एक घंटे पानी आता है। अभी पिछले दस दिनों से स्थिति और भी खराब हो गई है। लोग हैंडपंप से पानी भरने के लिए मजबूर हैं।
इस वार्ड की आबादी करीब 15 हजार है। यहां पठौरिया, दतिया गेट बाहर, नई बस्ती आदि मोहल्ले आते हैं। सिद्धेश्वर मंदिर से दतिया गेट की ओर जाने वाली सड़क का कुछ हिस्सा भी इस वार्ड में आता है। जगह-जगह यह मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया है। इसके अलावा हर बारिश में पठौरिया, नई बस्ती समेत आसपास के इलाकों में जलभराव भी होता है। वार्ड में कई जगहों पर नालियों पर ड्रेन कवर भी नहीं डले हैं। कहीं हैंडपंप खराब पड़ा है तो विद्युत खंभा जर्जर है। क्षेत्रवासियों का कहना है कि संबंधित विभागों से शिकायत करो तो सुनवाई नहीं होती है। नई बस्ती में आटा चक्की के पास एक साल से हैंडपंप ठीक नहीं हुआ है तो नीचे से गल चुका खंभा गिरने की स्थिति में आ गया है। क्षेत्रवासियों ने बताया कि डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन के लिए आने वाली गाड़ी मोहल्ले में एक जगह खड़ी हो जाती है। सभी को वहीं जाकर कचरा डालना पड़ता है। कुछ जगहों पर स्ट्रीट लाइटें भी खराब हैं।